देश में मेजबानी की मिसाल कायम करनी है, ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने हैं : नीरज कुमार
मेजबानी मिलने के साथ ही खेल परिषद एक्शन मोड में
राजस्थान को पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी मिलने के साथ ही राजस्थान खेल परिषद ने तैयारियों को लेकर कमर कस ली है।
जयपुर। राजस्थान को पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी मिलने के साथ ही राजस्थान खेल परिषद ने तैयारियों को लेकर कमर कस ली है। परिषद अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार पवन ने खेलों के सह-मेजबान राजस्थान यूनिवर्सिटी और पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के खेल विभाग के अधिकारियों और प्रस्तावित 25 खेलों के परिषद के प्रशिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में नीरज कुमार ने कहा कि यह राजस्थान के लिए गर्व की बात है कि हमें इतने बड़े मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट की मेजबानी का अवसर मिला है। आयोजन नवंबर में है, समय कम है और चुनौतियां बड़ी हैं। हमें दो प्रमुख मोर्चों पर काम करना है। पहला मेजबानी का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करना और दूसरा राजस्थान के एथलीटों को अधिक से अधिक पदक दिलवाना।
प्रशिक्षकों से मांगे सुझाव : परिषद अध्यक्ष ने बताया कि शुरूआती चर्चा के बाद प्रशिक्षकों को तीन दिन का समय दिया गया है, ताकि वे अपनी ओर से जरूरी सुझाव तैयार कर अगली बैठक में साझा कर सकें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्राउंड होंगे तैयार :
परिषद अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि सभी खेल मैदानों का आकलन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक खेल का प्ले फील्ड कैसा है, दर्शकों के लिए सुविधाएं क्या हैं, और मैच अधिकारियों के लिए बैठने की व्यवस्था कैसी है, इन सभी बिंदुओं पर प्रशिक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है। उनके सुझाव के आधार पर मैदानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा।
खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और उपकरण :
नीरज कुमार ने कहा कि राजस्थान के खिलाड़ी इस आयोजन में शानदार प्रदर्शन करें, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होंगी। प्रशिक्षकों को खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए आवश्यक खेल उपकरणों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की कमी न रह जाए और राजस्थान के खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा पदक जीते।
उच्चस्तरीय कोचिंग की व्यवस्था :
उन्होंने यह भी बताया कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में देशभर के विश्वविद्यालयों के प्रशिक्षित खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। राजस्थान के खिलाड़ी अधिक से अधिक पदक जीतें, इसके लिए परिषद न केवल अपने अनुभवी प्रशिक्षकों की मदद देगी, बल्कि उन्हें उच्चस्तरीय कोचिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

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