आखिर कौन है ये शख्स, जिसने आरजेडी को दिया था 25 सीटों का श्राप? सच साबित हुई बात
टिकट कटा तो कपड़े फाड़े, जमीन पर लेटकर रोए...
RJD नेता मदन शाह ने कहा कि टिकट न मिलने के आघात ने उन्हें टूटने पर मजबूर किया और ग़ुस्से में उन्होंने पार्टी को 25 सीटों पर सिमटने का श्राप दिया, जो सच साबित हुआ। शाह ने आरोप लगाया कि टिकट वितरण में लालू यादव की सलाह नहीं ली गई और आंतरिक गुटबाज़ी ने पार्टी को कमजोर किया।
पटना। राष्ट्रीय जनता दल के नेता मदन शाह, जो पिछले महीने टिकट न मिलने पर अपने कपड़े फाड़कर और जमीन पर गिरकर रोते नजर आए थे, उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के बुरे प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी है। मदन शाह ने कहा, टिकट नहीं मिलने के दर्द ने उन्हें पागल बना दिया था। मैं पटना में लालू यादव से मिलने गया था, लेकिन कोई मिला नहीं। मैं इतना आहत था कि कपड़े फाड़ दिए। जमीन पर गिर पड़ा और श्राप दे दिया कि उनकी पार्टी 25 सीटों पर सिमट जाएगी, और वाकई ऐसा हो गया।
मदन शाह ने कहा, मैं अब भी पार्टी के लिए दुखी हूं। पार्टी की हार से मुझे दर्द है, लेकिन जो भगवान करता है, अच्छा करता है। पार्टी में जो चाणक्य कहलाते हैं, वे पार्टी को बर्बाद करने पर तुले हैं। जब तक उन्हें पार्टी से नहीं निकाला जाएगा, कुछ सुधार नहीं होगा। इस बार टिकट वितरण में लालू यादव से सलाह नहीं ली गई। इसलिए पार्टी को यह मुकाम मिला। टिकट के लिए पैसे मांगे जाने के सवाल पर मदन शाह ने कहा कि उनसे सीधे किसी ने ऐसी कोई डिमांड नहीं की थी।
पार्टी के लिए काम करता हूं तो पैसे क्यों दूंगा?
उन्होंने कहा, मुझसे पैसे सीधे नहीं मांगे गए (टिकट के बदले); यह मीडिया के जरिए किया गया। तो मैं पैसे कहां देता? सड़क पर तो फेंक नहीं सकता था। मैं 1990 से पार्टी के साथ जुड़ा हूं, कार्यकर्ता हूं, पार्टी के लिए काम करता हूं। टिकट के लिए क्यों पैसे दूंगा और कहां से दूंगा? मधुबन से ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया जो पार्टी का प्राथमिक सदस्य तक नहीं था। सरकारी डॉक्टर है, उसने इस्तीफा तक नहीं दिया था. अपनी पत्नी संध्या रानी के नाम पर फिर टिकट लिया।
मदन शाह ने कहा कि मुझे लालू यादव ने आश्वासन दिया था कि मदन तैयारी करो तुमको टिकट देंगे। तेजस्वी यादव ने भी कहा था।
मैं क्षेत्र में पूरे दमखम से लगा था, टिकट की जिस दिन घोषणा होनी थी 2 बजे तक मुझसे कहा गया कि टिकट आपको मिलेगा, लेकिन जब लिस्ट आई तो मेरा नाम नहीं था। मुझे इतना दुख हुआ, मैं पटना में लालू यादव के आवास के बाहर जमीन पर लोटता रहा, लेकिन मुझे किसी से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने संजय यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी वजह से ही राजद की चुनाव में ये दुर्गती हुई है। शाह ने कहा कि जब तक संजय यादव को पार्टी से बाहर नहीं निकाला जाता, हालात नहीं सुधरेंगे।

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