मेक इन इंडिया बना केवल प्रचार का माध्यम, एक दशक पहले सत्ता में आने के लिए मोदी ने किए थे लुभावने वादे : खड़गे
भारत को ‘वैश्विक विनिर्माण केंद्र’ बनाने के लिए 10 वादे किए थे
खड़गे ने कहा कि “मोदी सरकार का 'मेक इन इंडिया' डिलीवरी देने के बजाय प्रचार को महत्व देने का एक बेहतरीन उदाहरण है
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को महज प्रचार का एक बेहतर माध्यम बताते हुए कहा है कि एक दशक पहले सत्ता में आने के लिए मोदी ने जो लुभावने वादे किए थे उनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ है। खड़गे ने कहा कि “मोदी सरकार का 'मेक इन इंडिया' डिलीवरी देने के बजाय प्रचार को महत्व देने का एक बेहतरीन उदाहरण है। वर्ष 2014 के अपने घोषणापत्र में, भाजपा ने भारत को ‘वैश्विक विनिर्माण केंद्र’ बनाने के लिए 10 वादे किए थे, जिनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ। विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार और जीडीपी में विनिर्माण की हिस्सेदारी में भारी गिरावट के साथ स्थिति और भी खराब हो गई है।”
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र-पीएसयू बेचे जा रहे हैं। एमएसएमई पीड़ित हैं। नौकरशाही की बाधाएं दिन-प्रतिदिन की दिनचर्या बन गई हैं। भारतीय उद्यमी भारत को प्राथमिकता देने के बजाय विदेश जा रहे हैं और वहां कंपनियां स्थापित कर रहे हैं। निर्यात में गिरावट जारी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से सवाल पूछा और कहा कि “क्या मोदी सरकार ने 1.97 लाख करोड़ रुपए की बहुप्रचारित पीएलआई योजना के चरण एक को बंद कर दिया है, जबकि 14 में से 12 पहचाने गए क्षेत्र विफल हो गए हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के कुल निर्यात में वस्तुओं की हिस्सेदारी कम से कम 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर क्यों आ गई है और एक तथ्य यह है कि कांग्रेस-यूपीए के कार्यकाल में भारतीय इतिहास में यह सबसे तेजी से बढ़ा है। शायद, मोदी जी को अब एहसास हो गया होगा कि असली आत्मनिर्भर भारत कांग्रेस के कार्यकाल में ही था।”
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