रूस ने व्हाट्सएप को बनाया निशाना : इंटरनेट ब्लैकआउट बढ़ने पर नया सुपर ऐप किया लांच, जानें क्या रखा नाम
‘मैक्स’ नाम से एक नए राष्ट्रीय मैसेंजर एप को लांच किया
रूस के मीडिया नियामक रोस्कोम्नाडजोर द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों का लाखों रूसी नागरिकों को सामना करना पड़ रहा है।
मॉस्को। रूस के मीडिया नियामक रोस्कोम्नाडजोर द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों का लाखों रूसी नागरिकों को सामना करना पड़ रहा है। यह प्रतिबंध रूस में सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग एप व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए की जाने वाली कॉल पर लगाए गए हैं। इसी समय रूसी फर्म ने ‘मैक्स’ नाम से एक नए राष्ट्रीय मैसेंजर एप को लांच किया है, जिसे क्रेमलिन नियंत्रित करता है। यदि देश में व्हाट्सएप और टेलीग्राम के मासिक उपयोगकर्ताओं की आंकड़ों की बात करें तो कुल 14.30 करोड़ की आबादी में से व्हाट्सएप और टेलीग्राम के मासिक उपयोगकर्ताओं की संख्या क्रमश: 9.7 और नौ करोड़ होने का अनुमान है।
व्हाट्सएप की मालिकाना कंपनी मेटा को रूस में एक चरमपंथी संगठन घोषित किया गया है। यह एप विशेष रूप से बुजुर्ग लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है क्योंकि इसमें पंजीकरण करना और इसका उपयोग करना बहुत आसान है। रूस के कुछ हिस्सों में खासकर दूरदराज और कम कनेक्टिविटी वाले इलाकों में व्हाट्सएप दोस्तों और सहकर्मियों के साथ चैटिंग से कहीं बढ़कर है। मोबाइल ब्राउजिंग जब कभी-कभी बहुत धीमी हो जाती है, तो लोग स्थानीय मामलों में एक-दूसरे से बात करने, टैक्सी बुक करनेऔर खबरें साझा करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। व्हाट्सएप और टेलीग्राम दोनों एप्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सुविधा देते हैं, जिसका मतलब है कि कोई भी तीसरा पक्ष यहां तक की कंपनी भी इन संदेशों को न पढ़ सकती है और न ही कॉल्स सुन सकती है।
अधिकारियों का तर्क है कि ऐप्स ने रूसी उपयोगकर्ताओं का डेटा देश में संग्रहीत करने से इनकार कर दिया, जबकि कानूनन ऐसा करना जरूरी है, और उनका दावा है कि स्कैमर्स मैसेजिंग ऐप्स का फायदा उठाते हैं। फिर भी सेंट्रल बैंक के आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर घोटाले अभी भी सामान्य मोबाइल नेटवर्क पर होते हैं।

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