भारत का खेल रूपांतरण : राष्ट्र के लिए प्रेरक चैंपियंस का निर्माण, खेलो इंडिया कार्यक्रम को 1,000 करोड़ मिले
देशभर में 1500 से अधिक फिट इंडिया प्लॉग रन आयोजित किए गए
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, जिसमें लगभग 65% लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं
नई दिल्ली। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, जिसमें लगभग 65% लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं। इस जनसांख्यिकीय लाभांश की क्षमता को पहचानते हुए, युवा मामले और खेल मंत्रालय युवा विकास और खेल प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विभिन्न पहलों के माध्यम से व्यक्तित्व निर्माण, कौशल वृद्धि और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करता है। भारत के खेल भविष्य को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय को 3794 करोड़ रु का रिकॉर्ड आवंटन किया है। इसका एक बड़ा हिस्सा, यानी 2,191.01 करोड़ रु, केंद्र की योजनाओं को आवंटित किया गया है, जिसमें प्रमुख खेलो इंडिया कार्यक्रम को 1,000 करोड़ रु मिले हैं। वित्त वर्ष 2014-15 में मंत्रालय को बजट आवंटन 1643 करोड़ रु था, जो 2025-26 में 130.9% की वृद्धि दर्शाता है।
खेलो इंडिया योजना
2016-17 में शुरू की गई खेलो इंडिया-राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम, का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जन भागीदारी और खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है। इस योजना को 2021 में 3,790.50 करोड़ रु के परिव्यय के साथ पाँच वर्षों के लिए विस्तार दिया गया। प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
- 3,124.12 करोड़ रु की लागत वाली 326 नई खेल अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी।
- जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण और सहायता के लिए 1,045 खेलो इंडिया केंद्रों (केआईसी) की स्थापना।
- 34 खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्रों (केआईएससीई) की अधिसूचना और 306 अकादमियों की मान्यता।
- 2,845 खेलो इंडिया एथलीटों (केआईए) को कोचिंग, उपकरण, चिकित्सा देखभाल और मासिक आउट-ऑफ-पॉकेट भत्ते के साथ सहायता।
खेलो इंडिया गेम्स
खेलो इंडिया अभियान के तहत, खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी), खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी), खेलो इंडिया पैरा गेम्स और खेलो इंडिया विंटर गेम्स (केआईडब्ल्यूजी) को वार्षिक राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के रूप में स्थापित किया गया, जहां युवा खिलाड़ी क्रमश: अपने राज्यों और विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने कौशल का प्रदर्शन करते थे और पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करते थे। इस पहल की शुरूआत 2018 में नई दिल्ली में आयोजित खेलो इंडिया स्कूल गेम्स से हुई जिसमें 18 खेल शामिल थे। 2019 में नाम बदलकर खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया। 2025 में इसमें 27 खेल शामिल थे। अब तक, खेलो इंडिया गेम्स के 17 संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 50,000 से अधिक एथलीटों ने भाग लिया है। खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 और 2025 में 1,300 से अधिक एथलीटों ने भाग लिया।
लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस)
सरकार भारत के शीर्ष एथलीटों को ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की तैयारी के लिए सहायता प्रदान करती है। चयनित एथलीटों को मंत्रालय की सामान्य योजनाओं के तहत उपलब्ध नहीं होने वाले अनुकूलित प्रशिक्षण और अन्य सहायता के लिए राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ) से वित्त पोषण के साथ समर्थन दिया जाता है।
कोर ग्रुप एथलीटों को प्रति माह 50,000 रुपए का आउट ऑफ पॉकेट भत्ता (ओपीए) दिया जाता है। इसके अलावा जूनियर एथलीटों को 25,000 रुपए प्रति माह के वजीफे के साथ सहायता देने के लिए एक विकास समूह भी जोड़ा गया। टीओपीएस ने टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत को पदक जीतने में योगदान दिया। अगस्त 2024 तक, इस योजना के तहत 174 व्यक्तिगत एथलीट और 2 हॉकी टीमों (पुरुष और महिला) को कोर ग्रुप के रूप में चुना गया है।
कीर्ति (खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन)
कीर्ति 9 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में खेल प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी पहल है। वर्तमान में देश में 174 टीएसी हैं। कीर्ति का उद्देश्य एथलीटों की एक स्थायी शृंखला बनाना है, ताकि भारत को 2036 तक शीर्ष-10 खेल राष्ट्र और 2047 तक शीर्ष-5 राष्ट्र बनने में मदद मिल सके।
फिट इंडिया मूवमेंट
फिटनेस को हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने के उद्देश्य से फिट इंडिया मूवमेंट की शुरूआत की गई थी। इस मूवमेंट का मिशन व्यवहार में बदलाव लाना और शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय जीवनशैली की ओर बढ़ना है। इस योजना के तहत प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
पहली बार फिट इंडिया कार्निवल, तीन दिवसीय फिटनेस और वेलनेस फेस्टिवल, मार्च 2025 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
अक्टूबर 2019 में फिट इंडिया मूवमेंट के तहत देशभर में 1500 से अधिक फिट इंडिया प्लॉग रन आयोजित किए गए।
प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीयों का प्रदर्शन
ओलंपिक
भारत की ओलंपिक यात्रा में 2016 और 2024 के बीच उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिला, जिसने एथलेटिक उत्कृष्टता के एक नए युग को रेखांकित किया। रियो 2016 में 117 सदस्यीय दल द्वारा 2 पदकों की मामूली बढ़त से, भारत ने टोक्यो 2020 में 7 पदक जीतकर बढ़त हासिल की और पेरिस 2024 में 6 पदकों के साथ मजबूत प्रदर्शन जारी रखा, दोनों ही दल 117-119 एथलीटों के थे। इस अवधि में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वालों में एथलेटिक्स (भाला फेंक) में भारत के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता (टोक्यो 2020) नीरज चोपड़ा और भारोत्तोलन में लगातार पदक जीतने वाली मीराबाई चानू शामिल हैं।
पैरालिंपिक
पिछले तीन संस्करणों में भारत की पैरालिंपिक उपलब्धियां तेजी से बढ़ी हैं, जो दिव्यांग एथलीटों के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली को दर्शाती है। रियो 2016 में 19 एथलीटों के साथ 4 पदक से, टोक्यो 2020 में पदकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई और पेरिस 2024 में 29 पदकों पर पहुंच गई, जहां 84 भारतीय एथलीटों ने भाग लिया। इस सफलता में अकेले 2024 में 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य शामिल हैं, जो पैरा-स्पोर्ट्स में भारत की बढ़ती ताकत का प्रमाण है। प्रमुख सितारों में निशानेबाजी में अवनी लेखरा, भाला फेंक में सुमित अंतिल और बैडमिंटन में प्रमोद भगत शामिल हैं।
एशियाई खेल
एशियाई खेलों में भारत का प्रदर्शन भागीदारी और पोडियम फिनिश दोनों में लगातार वृद्धि को दर्शाता है। इंचियोन 2014 में, 541 एथलीटों के भारतीय दल ने 57 पदक जीते। जकार्ता 2018 तक, यह बढ़कर 570 एथलीट और 69 पदक हो गया। हांग्जो 2023 में सफलता मिली, जहां भारत ने 655 एथलीटों का अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा और 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य सहित ऐतिहासिक 107 पदक लेकर लौटा। भाला फेंक में नीरज चोपड़ा, मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन, तथा बैडमिंटन में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी जैसे एथलीटों ने इस रिकॉर्ड में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राष्ट्रमंडल खेल
भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है। ग्लासगो 2014 में, 215 सदस्यीय दल ने 64 पदक जीते। गोल्ड कोस्ट 2018 में 218 एथलीटों के साथ यह संख्या बढ़कर 66 हो गई और बर्मिंघम 2022 में 210 एथलीटों के साथ 61 पदकों के साथ स्थिर रही। ये पदक कुश्ती, भारोत्तोलन, टेबल टेनिस और एथलेटिक्स जैसे विविध खेलों में शामिल हैं। प्रमुख प्रदर्शन करने वालों में बैडमिंटन में पीवी सिंधु, कुश्ती में विनेश फोगट और भारोत्तोलन में अचिंता शेउली शामिल हैं।
अन्य वैश्विक उपलब्धियां
- भारत ने बुडापेस्ट में 2024 एफआईडीए शतरंज ओलंपियाड में दोहरा स्वर्ण पदक जीता।
- भारतीय एथलीटों ने जॉर्डन में 2023 आईटीटीएफ एफए 20 एआई -वातानी पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में 22 पदक जीते।
- भारत ने बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता।
- भारतीय बैडमिंटन पुरुष टीम ने मई 2022 में थॉमस कप जीतकर इतिहास रच दिया।
- मिस्र में आयोजित आईएसएसएफ राइफल/पिस्टल विश्व चैंपियनशिप 2022 (सीनियर और जूनियर) में भारतीय दल ने 34 पदक जीते।
- जर्मनी में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप 2023 में भारतीय टीम शीर्ष पर रही
शीर्ष-10 खेल राष्ट्र में शामिल होने का लक्ष्य
बढ़ी हुई भागीदारी से लेकर वैश्विक पोडियम फिनिश तक, 2014 और 2025 के बीच भारत की खेल यात्रा, विजन, समावेशिता और निष्पादन द्वारा चिह्नित की गई है।
खेलो इंडिया, टीओपीएस और केआईआरटीआई जैसे प्रमुख फ्लैगशिप कार्यक्रमों ने हर स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान, प्रशिक्षण और निखारने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा और वित्तीय सहायता प्रदान की है। जिसके परिणाम न केवल अंतरराष्ट्रीय पदक तालिकाओं में बल्कि देश के भीतर बढ़ती खेल संस्कृति में भी दिखाई दे रहे हैं। 2036 और उससे आगे के ओलंपिक खेलों के लिए एक स्पष्ट रोडमैप के साथ, भारत शीर्ष-10 खेल राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है।
वैश्विक जुड़ाव और कूटनीति
फीफा अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप 2022, भुवनेश्वर में 2022 में आयोजित किया गया था। यह पिछले पांच वर्षों में आयोजित किया गया दूसरा प्रमुख फुटबॉल आयोजन था।
भारत ने खेलों से संबंधित कई प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी की, जिनमें शामिल हैं:
अक्टूबर 2023 में मुंबई में 141वां अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) सत्र।
2022 में चेन्नई में एफआईडीए शतरंज ओलंपियाड।
2024 में नई दिल्ली में बिम्सटेक एक्वेटिक्स चैंपियनशिप।
2023 में नोएडा में मोटोजीपी भारत।
खेल सचिव के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 2023 में, बाकू, अजरबैजान में यूनेस्को द्वारा आयोजित शारीरिक शिक्षा और खेल के लिए जिम्मेदार मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के सातवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। भारत की भागीदारी महत्वपूर्ण थी, जिसमें प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष योग सत्र आयोजित किया गया था।
जम्मू और कश्मीर में खेल अवसंरचना के विकास के लिए विशेष पैकेज
जम्मू और कश्मीर राज्य में खेल अवसंरचना के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को 2015 में मंजूरी दी गई थी। श्रीनगर और जम्मू जैसे राजधानी जिलों के लिए स्वीकृत मौजूदा स्टेडियमों और अन्य कार्यों का नवीनीकरण/उन्नयन मंत्रालय द्वारा किया गया था। इन कार्यों की अनुमानित लागत 84 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
नेहरू युवा केंद्र संगठन
नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) दुनिया के सबसे बड़े युवा संगठनों में से एक है। एनवाईकेएस की उपस्थिति नेहरू युवा केंद्रों (एनवाईके) के माध्यम से 623 जिलों में है। एनवाईकेएस की गतिविधियों के फोकस में साक्षरता और शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, स्वच्छता और सफाई, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, कौशल विकास और स्वरोजगार, उद्यमिता विकास, नागरिक शिक्षा, आपदा राहत और पुनर्वास आदि शामिल हैं।
भारत में खिलाड़ियों को समर्थन देने के लिए योजनाएं और कार्यक्रम
भारत का अपने एथलीटों के लिए समर्थन अब पहले से कहीं अधिक संरचित और केंद्रित है। दृष्टिकोण समग्र है और एथलीट की यात्रा के हर चरण को कवर करता है। गांवों में कच्ची प्रतिभाओं को खोजने से लेकर ओलंपिक पदक विजेताओं का समर्थन करने तक, सरकार ने बड़े पैमाने पर कदम उठाए हैं। खिलाड़ियों की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के लिए अब प्रशिक्षण, वित्त पोषण, सुविधाएं और खेल के बाद का जीवन, कई तरह की योजनाएं मौजूद हैं। प्रत्येक कदम एथलीटों को आगे बढ़ने और शीर्ष पर बने रहने में मदद करने के लिए बनाया गया है।
पुरस्कार और मान्यता
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार भारत में सर्वोच्च खेल सम्मान है, जिन्होंने भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर स्थान दिलाया है, यह उन एथलीटों की असाधारण उपलब्धियों का जश्न मनाता है। प्रतिवर्ष दिए जाने वाले ये प्रतिष्ठित पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में असाधारण प्रदर्शन को सम्मान देते हैं, साथ ही सीमाओं से परे खेल भावना को बढ़ावा देते हैं। भारत में खिलाड़ियों को दिए जाने वाले पुरस्कारों की कुल छह श्रेणियां हैं।
Comment List