जानें राज काज में क्या है खास
खुशियों की दिवाली की तैयारी
सूबे में एक साहब पिंकसिटी से लेकर दिल्ली तक काफी चर्चा में हैं।
चर्चा में साहब :
सूबे में एक साहब पिंकसिटी से लेकर दिल्ली तक काफी चर्चा में हैं। सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने के साथ ही इंदिरा गांधी भवन में पीसीसी के ऑफिस में दो पसलियों वाले साहब की चर्चा हुए बिना नहीं रहती। तुला राशि वाले साहब ने काम ही ऐसा किया है। साहब के दिल में हमेशा राम ही निवास करते है। जब से अंता वाले भाई साहब ने एमएलए की सीट खोई है, तब से 59 साल वाले साहब भी लोगों की जुबान पर हैं। राज का काज करने वाले भी लंच केबिनों में बतियाते हैं कि इन दिनों ख्वाजा की नगरी में पगफेरा करने वाले साहब का कोई सानी नहीं है, आखिर 20 साल पहले हुई बदतमीजी का बदला चक्रवर्ती ब्याज समेत लेकर लीडर्स को मैसेज देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इंतजार पर्चियां खुलने का :
भगवा वाले भाई लोगों को पर्चियां खुलने का बेसब्री से इंतजार है। पर्चियां कहीं और से नहीं बल्कि लालकिले वाली नगरी से आने वाली है, जो पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट से ताल्लुक रखती है। सूबे के मुखिया के लौटने के बाद इन पर्चियों के खुलने की उम्मीद है। भगवा वालों के ठिकाने पर चर्चा है कि पर्चियों को लेकर पार्टी के पूर्व अध्यक्षों आदर्शनगर और सिविल लाइंस वाले भाई साहबों के चूरू वाले भाई साहब के पैर जमीं पर नहीं टिक रहे। भरोसे पर टिके विचार परिवार से ताल्लुकात रखने वाले बन्नाजी और वैश्य समाज के भाई साहब पहले से ही चैन की नींद ले रहे हैं।
खुशियों की दिवाली की तैयारी :
सूबे में शहरों की सरकारों के चुनाव तो वन स्टेट-वन इलेक्शन के फेर में फंसे हुए हैं, लेकिन कई भाई साहब अभी से खुशियों की दिवाली मनाने की तैयारियों में रात-दिन एक किए हुए हैं। गोविन्ददेवजी की नगरी में वापस एक ही निगम होने की कसरत शुरु होने के साथ ही उसकी नुमाइंदगी के लिए पसीने बहाने वालों की लिस्ट भी काफी लंबी है। भारती भवन वाले भाई साहब भी टिकटार्थियों के मेले से दूर सीमांकन के काम में काफी बिजी हैं। कई भाई लोग तो सूबे में चल रहे ट्रेनिंग कैम्प में फर्स्ट एंड सेकण्ड ईयर और ओटीसी करने में भी जुट गए हैं। अब इन भाई साहबों को कौन समझाए कि सियार के उतावलेपन से बेर जल्दी नहीं पकते।
एक जुमला यह भी :
सूबे में इन दिनों एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि स्टेट की इनकम में सालाना 15 हजार करोड़ से ज्यादा का योगदान देने वाले सुरा प्रेमियों से ताल्लुक रखता है। जुमला है कि सुरा प्रेमियों ने खुद को शराबी के बजाय एसीपी एंड डीसीपी से संबोधन के लिए सोशल मीडिया पर मूवमेंट चलाया है। सुरा प्रेमियों ने नया नाम अल्कोहल कंजूमिंग पर्सन डिसाइड किया है, जिसे शॉर्टकट में एसीपी और रोजाना टेस्ट करने वालों को डेली कंजूमिंग पर्सन यानी कि डीसीपी साहब के संबोधन करने की अपील की है। अब तो आने वाला वक्त बताएगा कि पब्लिक पर इसका कितना असर पडेÞगा, लेकिन खाकी वाले कई साहब लोगों पेट में बल पड़े बिना नहीं रहेगा।
-एल. एल. शर्मा
(यह लेखक के अपने विचार हैं।)

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