जानें राज काज में क्या है खास
हुनर हाईजैक का
सूबे में इन दिनों एक एजेण्डे को लेकर चर्चा जोरों पर है।
चर्चा में एजेण्डा ज्यौणार :
सूबे में इन दिनों एक एजेण्डे को लेकर चर्चा जोरों पर है। इंदिरा गांधी भवन में बने हाथ वालों के ठिकाने के साथ ही सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों का ऑफिस भी इससे अछूता नहीं है। चर्चा और किसी की नहीं बल्कि पिंकसिटी में हजारों लोगों के लिए होने वाली ज्यौणार को लेकर है। ज्यौणार भी भगवा वाले भाई लोगों का एक खेमा करवा रहा है। राज का काज करने वालों में चर्चा है कि सूबे की सबसे बड़ी पंचायत के लिए होने वाली जंग में तो अभी साढ़े तीन साल हैं, लेकिन समझदार लोग अभी से तैयारियों में जुट गए हैं और ज्यौणार की आड़ में सबको एक जाजम पर बिठाने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं। इस ज्यौणार की चर्चा इसलिए ज्यादा है कि इसमें उन नगर सेठों के वंशजों को भी शामिल किया जा रहा है, जिनको जयपुर के राजा ने बसाया था। अब ज्यौणार की पीछे के राज और काज को समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी है।
बेसब्री से इंतजार :
भगवा वाले भाई लोगों को सूचियों का बेसब्री से इंतजार है, मगर सूचियां हैं कि आने का नाम ही नहीं ले रहीं। बेचारे इंतजार में दुबले होते जा रहे हैं। उनको न तो रात को नींद आती है और नहीं दिन में चैन मिलता है। उन भाई लोगों की हालत ज्यादा खराब है, जिन्होंने अड़ोस-पड़ोस में कुछ ज्यादा ही लम्बी फेंक रखी है। इनमें से कई भाई तो दिन में भी ओथ लेने के सपने देख रहे हैं। सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने पर वर्कर्स में चर्चा है कि बड़े लोगों के बीच 36 के आंकडेÞ के फेर में फंसी सूचियों पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।
हुनर हाईजैक का :
किसी भी मंच को कैसे हाईजैक किया जाए, उसका भी एक हुनर होता है। हर किसी के बस की बात भी नहीं है। इस हुनर को सीखने के लिए भी कई पापड़ बेलने पड़ते हैं। भगवा वाली पार्टी में इस हुनर के लिए अटारी वाले भाई साहब का कोई मुकाबला नहीं। उनकी इस कला को सीखने की कइयों ने कोशिश की, मगर पार नहीं पड़ी। अब देखो न, पिछले दिनों पिंकसिटी में राज के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर मिनेश वंशज डॉक्टर साहब के साथ ही हाथ वालों ने रात दिन पसीने बहाए। कर्टिसी के नाते भाई साहब को फोन भी खुड़काया। भाई साहब का जवाब सुनकर रात भर चैन की नींद भी सोए। लेकिन दूसरे दिन अटारी वाले भाई साहब ने मामले को ऐसे हाईजैक किया कि रात दिन पसीने बहाने वाले डॉक्टर साहब एक कोने में खड़े नजर आए। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि जो भाई साहब हां-हां कर रहे थे, वे एकदम न्याय के मंदिर में ना-ना कर बैठे। अब उन मिनेश वंशज को कौन समझाए कि बैण्ड बाजा अच्छा हो, तो नाचने वाले पैरों को कोई नहीं रोक सकता।
एक जुमला यह भी :
सूबे में इन दिनों एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि राज के दो नवरत्नों के बिगड़े ग्रहयोग को लेकर है। दोनों ही नवरत्न सरकार चला रहे हैं। वृष राशि वाले भाई साहब का स्वामी शुक्र रूठा हुआ है, जो अपनी करामात दिखा रहा है। नित नए आरोपों का सामना करा रहा है। धनु राशि वाले भाई साहब भी घरेलू संकट से जूझ रहे हैं। उनका गुरु बृहस्पति भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा। तमाम टोने टोटकों के बाद भी काबू में नहीं आया और पिछले मंगल को ऐसा झटका दिया, जिसकी कल्पना भी नहीं थी। अब दोनों रत्नों को ऐसे पंडित की तलाश है, उनके ग्रह योग को ठीक कर सके।
-एल. एल. शर्मा
(यह लेखक के अपने विचार हैं।)

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