ब्यावर सभापति कनौजिया निलंबित
अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप, प्रथम दृष्ट्या माना दोषी, सरकार कराएगी न्यायिक जांच
सरकार के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के निदेशक हृदेशकुमार शर्मा ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर ब्यावर नगर परिषद के भाजपाई सभापति नरेश कनौजिया को सदस्य एवं सभापति पद से निलंबित कर दिया है। सभापति के खिलाफ अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। सभापति के निलंबन की सूचना के साथ ही ब्यावर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
ब्यावर। सरकार के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के निदेशक हृदेशकुमार शर्मा ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर ब्यावर नगर परिषद के भाजपाई सभापति नरेश कनौजिया को सदस्य एवं सभापति पद से निलंबित कर दिया है। सभापति के खिलाफ अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। सभापति के निलंबन की सूचना के साथ ही ब्यावर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
पिछले दिनों सभापति कनौजिया के विरुद्ध अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें हुई थीं। इसके साथ ही बिना संशोधित ले-आउट प्लान के नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने से संबंधित प्रकरण भी विभाग के सामने आया था। इस पर विभागीय आदेश 322 दिनांक 3 फरवरी 22 के तहत उपनिदेशक क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग अजमेर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया। जांच कमेटी से विभाग को प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के आधार पर कनौजिया को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (1) के तहत स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया। कनौजिया ने स्पष्टीकरण नोटिस का जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय चाहा। इस पर उन्हें विभागीय पत्रांक 2045 दिनांक 1 जून 22 के जरिए जांच कमेटी की जांच रिपोर्ट संलग्न प्रेषित करते हुए अतिरिक्त समय दिया गया था।
सभापति कनौजिया की ओर से पेश किए गए स्पष्टीकरण का शिकायत के तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण करने पर पाया गया कि संशोधित ले-आउट प्लान के अनुसार पट्टे जारी करने चाहिए थे, जो कि नहीं किए गए। सभापति का उक्त आचरण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (घ) के तहत होना पाया गया है। ऐसे में राज्य सरकार ने सभापति के खिलाफ नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (3) के अन्तर्गत न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया है। यदि वे पद पर बने रहते हैं तो न्यायिक जांच प्रभावित हो सकती है, अत: सभापति कनौजिया के विरुद्ध राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 43 (10) के तहत आरोप प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाए जाने के कारण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन्हें सभापति एवं सदस्य के पद से निलंबित किया गया है।
मेरे खिलाफ एक षड्यंत्र, निर्णय को देंगे चुनौती
निलंबन आदेश जारी होने के बाद कनौजिया ने कहा कि उनके खिलाफ यह एक तरह का षड्यंत्र है। विपक्षी सरकार होने के कारण उनके खिलाफ की गई शिकायतों को ही प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित मानते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई है जो गलत है। कनौजिया ने ‘नवज्योति’ से बातचीत करते हुए कहा कि अनियमितता एवं नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने का दोषी माना गया है तो क्या पट्Þटे सीधे तौर पर उन्होंने ही जारी कर दिए? संबंधित अधिकारी एवं तकनीकी अधिकारियों ने जो रिपोर्ट की है वो गलत है? पट्टे जारी होने से पहले संबंधित मौका रिपोर्ट पेश की जाती है। तकनीकी अधिकारियों की ओर से समुचित रिपोर्ट होने के बाद ही पट्टे जारी होते हैं। ऐसे में केवल उन्हें ही इसके लिए प्रथम दृष्ट्या दोषी माना जाना कहां का न्याय है? उन्होंने उन पर लगे आरोपों को गलत बताया और कहा कि सरकार के इस निर्णय का चुनौती दी जाएगी।

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