निजी भूखंड बीमारियों का बन रहें ठिकाना, खाली प्लॉटों में फैल रहा कीचड़ और गदंगी
कस्बे के कई मौहल्लों में निजी भूखंडों पर गंदगी के ढेर लगे हुए
कवाई कस्बे में इन दिनों जगह-जगह गंदगी के ढेर लग रहे है। वहीं सरकारी कर्मचारी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में प्लॉट खरीद लेते है और खाली प्लॉटों की कोई सुध नहीं लेते है
कवाई। कवाई कस्बे में इन दिनों जगह-जगह गंदगी के ढेर लग रहे है। वहीं सरकारी कर्मचारी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में प्लॉट खरीद लेते है और खाली प्लॉटों की कोई सुध नहीं लेते है। जिनकी देखभाल तक नहीं करते जिनमें गंदगी के ढेर लग रहते है। इन गंदगी के ढेरों से मौहल्ले वासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जहां एक ओर सरकार स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। वहीं कवाई कस्बे में जमीनी हालात इसके बिल्कुल उलटे नजर आ रहे हैं। कस्बे के कई मौहल्लों में निजी भूखंडों पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। जिनकी सफाई की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा। खास बात यह है कि ये भूखंड किसी आम नागरिक के नहीं है बल्कि सरकारी कर्मचारियों के हैं जो अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में प्लॉट खरीद कर रख लेते हैं। मोहल्ले वासियों ने बताया कि करीबन 15 साल से प्लॉट ऐसे ही खाली पड़े हुए हैं। जिससे कोलानीवॉसी कचरा डाल देते है। जिससे खाली प्लॉटों में गंदगी का अंबार लगा रहता है परंतु इस और किसी ने ध्यान नहीं दिया। धीरे-धीरे स्थिति और गंभीर हो गई है गंदगी और वहां फैला कीचड़ सड़ रहा है। जिससे बीमारियां होने का खतरा रहता है एवं काफी बदबू आती रहती है। इस ओर जिम्मेदारों को ध्यान देकर जल्दी ही इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
सरकारी कर्मचारी लगा रहे स्वच्छता अभियान को पलीता
वार्ड नंबर 11 से गुजरने वाला बाईपास गौरव पथ जो कस्बे से गुजर रहे स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे से जोड़ता है। इस गौरव पथ पर स्थित निजी भूखंडों में इन दिनों बारिश के कारण कीचड़ पनप रहा है। गंदगी एवं पानी भर गया है। इन जलभराव वाले भूखंडों में मच्छर जहरीले कीड़े-मकोड़े और बीमारियां फैलाने वाले जीव पनप रहे हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह स्थिति दिन-ब-दिन और गंभीर होती जा रही है, वहीं सरकारी कर्मचारी प्लॉट खरीदकर उनकी अनदेखी कर रहे है और स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहे है।
बीमारी और असुरक्षा के साये में जी रहे कस्बेवासी
वहीं खाली प्लॉट में फैल रहे कीचड़ और गंदगी से मोहल्ले वासी बीमारी और असुरक्षा के साये में जी रहे हैं। रात के समय घरों के बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि जहरीले जीव अक्सर घरों तक पहुंच जाते हैं।
पंचायत व प्रशासन बन रहा मूकदर्शक
स्थानीय निवासी सोनू नागर, टिंकू सुमन, लीला सोनी, केदार बाई सहित अन्य लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार पंचायत व प्रशासन को इन भूखंडों की सफाई को लेकर अवगत कराया, परंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। निवासियों ने बताया कि जब इन भूखंडों के मालिक सरकारी नौकरी में हैं और समाज को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी उन्हीं पर भी है, तो फिर वे खुद अपने निजी भूखंडों की उपेक्षा कर मोहल्ले को बीमारियों के खतरे में क्यों डाल रहे हैं।
स्थानीय लोगों की प्रमुख मांगें
स्थानीय लोगों ने सभी भूखंड मालिकों को नोटिस देकर जल्द सफाई सुनिश्चित करवाने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि ग्राम पंचायत इन भूखंडों की नियमित निगरानी करे और भूखंड मालिकों द्वारा लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई हो। मोहल्ले की सफाई को प्राथमिकता देते हुए विशेष अभियान चलाया जाए। यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो मोहल्लेवासी जनआंदोलन या प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।
सरकारी कर्मचारियों ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए कई प्लॉट खरीद रखे है। लेकिन प्लॉटों की कोई सुध नहीं लेते, जिससे वहां गंदगी और कीचड़ फैला रहता है। जिसका खामियाजा कस्बेवासियों को झेलना पड़ रहा है।
- सोनू यादव, कस्बेवासी
समस्या को लेकर कई बार पंचायत और प्रशासन को अवगत करा दिया है लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है और वे मूकदर्शक बनकर बैठे हुए है।
- नीतू गुर्जर, मोहल्लेवासी
प्रशासन और जिम्मेदारों को जल्दी ही इस समस्या की सुध लेकर स्थायी समाधान निकालना चाहिए। जिससे कस्बेवासी और मोहल्लेवासियों का राहत मिल सके।
- गोवर्धन गोयल, कस्बेवासी
ग्राम पंचायत द्वारा ऐसे सभी खाली पड़े भूखंडों का शीघ्र ही सर्वे कराया जाएगा। जिन भूखंडों में गंदगी, जलभराव या स्वच्छता की लापरवाही पाई जाएगी उनके मालिकों को नियमानुसार नोटिस जारी किए जाएंगे और आवश्यकतानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी।
- रामप्रताप सिंह, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत कवाई

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