इंसानियत हुई शर्मसार : मुंह में पत्थर भरकर और होठों को चिपका कर नवजात को मारने का प्रयास, जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा नवजात
बच्चे की हालत नाजूक बनी हुई है
उल्लेखनीय है कि जिले बिजौलियां क्षेत्र में मंगलवार को जन्म के 15 दिन बाद ही इंसानियत को शर्मसार करते हुए नवजात बच्चे को पत्थरों के नीचे दबा कर छोड़ दिया गया था।
भीलवाड़ा। जिले के बिजौलियां क्षेत्र स्थित सीता कुंड महादेव मंदिर के निकट पत्थरों में दबा मिले नवजात बालक एमजीएचकी गहन शिशु चिकित्सा इकाई में बुधवार को दूसरे दिन भी जीवन मौत से संघर्ष करता रहा। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. इंदिरा सिंह ने बताया कि नवजात के लिए अगले 48 घंटे काफी अहम है। फिलहाल उसे विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। नवजात को जहां मुंह से सांस लेने में दिक्कत आ रही है वहीं जांघ में लगे जख्म भी उसे दर्द दे रहे है। उन्होंने बताया कि बच्चे की हालत नाजूक बनी हुई है। उसकी हालत स्थिर होने मे अभी दो दिन और इंतजार करना पडे़गा।
गहन चिकित्सकीय निगरानी में रखने के बाद ही मासूम की स्थिति में सुधार की संभावना है। उल्लेखनीय है कि जिले बिजौलियां क्षेत्र में मंगलवार को जन्म के 15 दिन बाद ही इंसानियत को शर्मसार करते हुए नवजात बच्चे को पत्थरों के नीचे दबा कर छोड़ दिया गया था। चिलचिलाती धूप और आग उगलते पत्थरों के बीच पड़ी नन्हीं सी जान को ग्रामीणों ने देखा तो उसे तुरन्त बाहर निकाला। बाहर निकालते ही नवजात को देख लोगों की रूह कांप उठी उसके मुंह में पत्थर ठूस कर होठों को फेविक्विक से चिपका रखा था। लोगों ने तुरन्त घटना की जानकारी पुलिस व ग्रामीणों को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात को पहले बिजौलियां अस्पताल पहुंचाया जहां हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय भीलवाड़ा के लिए भेज दिया।

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