असर खबर का - हिंडोली में 80 करोड़ के दो फ्लाईओवर के प्रस्ताव स्वीकृत
टेंडर प्रक्रिया शुरू, 8 मार्च को खुलेंगे टेंडर
फ्लाईओवर की जरुरत को लेकर दैनिक नवज्योति ने सिलसिलेवार इन खबरों को प्रकाशित किया। नवज्योति की यह मुहिम रंग लाई और आखिरकार फ्लाई ओवर तैयार करने के लिए प्रस्ताव बनकर आ गए।
हिंडोली। बूंदी से हिंडोली आने वाले पहले कट पर और बसोली मोड से ढकनी कट तक 80 करोड़ की लागत से दो फ्लाई ओवर बनेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कोटा ने प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेज थे, जो स्वीकृत हो गए है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कोटा ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और 8 मार्च को टेंडर खोले जाएंगे। गौरतलब है कि फ्लाई ओवर नहीं होने से आए दिन इस फोरलेन पर हादसे होते थे। फ्लाईओवर की जरुरत को लेकर दैनिक नवज्योति ने सिलसिलेवार इन खबरों को प्रकाशित किया। नवज्योति की यह मुहिम रंग लाई और आखिरकार फ्लाई ओवर तैयार करने के लिए प्रस्ताव बनकर आ गए।
फ्लाईओवर बनने से सड़क दुर्घटनाओं में ग्रामीणों को मिलेगी राहत
ज्ञात रहे कि जयपुर जबलपुर हाईवे 2015 में फोरलेन बनने के बाद शुरू हो गया था लेकिन इस पर कुछ खामियां रह गई थी और आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती थी। जनता की मांग पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भारत सरकार द्वारा 2018 में हिंडोली के प्रथम कट और बसोली मोड़ से ढकनी तक 40 करोड की लागत से फ्लाई ओवर बनने थे लेकिन सोचनीय विषय है कि सन 2018 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को अपनी गलती महसूस करने में 5 साल लग गए। इंजीनियरों की गलती माने या विभाग की उदासीनता यह सैंकड़ों लोगों की जान पर आफत बन गई थी। हिंडोली और ढकनी कट पर आए दिन दुर्घटनाओं में कई लोग अपनी जान गंवा बैठे। इतना ही नहीं की 9 दिसंबर को एक रोडवेज की बस बाइक सवार को बचाने के चक्कर में पलट गई थी जिसमें एक की मौत और 14 जने गंभीर घायल हो गई थे।
नवज्योति की मुहिम रंग लाई
दैनिक नवज्योति ने बसोली मोड व हिंडोली कट को लेकर कई बार प्रमुखता से खबरें लगाई थी जिसको आम जनता ने सराहा था और आखिरकार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कोटा को इसके प्रस्ताव बनाने के लिए मजबूर किया और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कोटा ने दोनों के प्रस्ताव नई दिल्ली भेजें जो स्वीकृत होकर आ गए हैं।
सड़क दुर्घटनाएं कम हो इसलिए फोरलेन बनाया
ज्ञात रहे की जयपुर जबलपुर पहले राष्ट्रीय राजमार्ग 12 हुआ करता था पहले केवल सिंगल रोड ही था। आए दिन बड़ी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती थी। धीरे-धीरे इसकी मांग 4 लाइन की उठने लगी और केंद्र सरकार की एक नीति के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में बदल गया। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग 12 की बजाय इसका नामकरण राष्ट्रीय राजमार्ग 52 कर दिया लेकिन सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है। जो एक चिंता का विषय है।
हाईवे 148 डी का मिलन बन गया था जी का जंजाल
हिंडोली कस्बे के निकट 148 डी जो लालसोट से चलकर सवाई माधोपुर उनियारा होता हुआ हिंडोली आकर मिल रहा है। वही रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर 9 किलोमीटर चलकर बसोली मोड़ से विजयनगर भीलवाड़ा तक जा रहा है। बसोली मोड पर लगभग 1 किलोमीटर वाहन गलत साइड चलकर अपनी साइड बदलते हैं। इसी प्रकार हिंडोली कस्बे के बाईपास पर वाहनों की गति तेज होने के कारण 148 डी का हिंडोली में मिलने से सड़क दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है जबकि कई बडी सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी है। इसलिए फ्लाई ओवर बनना जरूरी है।
दैनिक नवज्योति अखबार को इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, क्योंकि नवज्योति ने इस खबर को बार-बार प्रमुखता से छापा था जिससे आज हम सफल हो सके।
- उमेश धाबाई, पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत सथुर
इनका कहना है
हिंडोली के दोनों प्रस्ताव राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नई दिल्ली से स्वीकृत होकर आ गए हैं। हमने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, 8 मार्च को टेंडर खोले जाएंगे। इसके बाद शीघ्र काम शुरू करवाया जाएगा।
- आरके मीणा, प्रोजेक्ट मैनेजर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कोटा

Comment List