सादेड़ा विद्यालय की जर्जर छत से विद्यार्थियों का शिक्षण प्रभावित, बरसात में टपकती छत

छात्र और शिक्षक खतरे में, जिम्मेदार विभाग उदासीन

सादेड़ा विद्यालय की जर्जर छत से विद्यार्थियों का शिक्षण प्रभावित,  बरसात में टपकती छत

दीवारों और फर्श में सीलन की समस्या गंभीर हो गई है।

भण्डेड़ा। सादेड़ा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन जर्जर हालत में होने के कारण बरसात में कक्षाओं की छत से पानी टपकने लगा है। इससे विद्यार्थियों का शिक्षण प्रभावित हो रहा है और शिक्षक जोखिम भरे हालात में शिक्षा दे रहे हैं। रविवार रात की बारिश के बाद सोमवार को भी सात कक्षाओं की छत से पानी टपकता रहा, जबकि केवल एक कक्ष सुरक्षित है। लेकिन संबंधित विभाग के जिम्मेदार भवन की सुध नहीं ले रहा है। विद्यालय में कुल 12 कक्षाएं संचालित हैं, जिनमें 300 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। 7 कक्षा कक्ष की छत से पानी टपकने के कारण कई छात्र बरामदे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। कुछ कक्षाओं की दीवारों में दरारें हैं और आरसीसी की छत के प्लास्तर टूटकर टेबल पर गिर रहा है। कई जगहों पर आरसीसी सरिया साफ दिखाई देने लगा है। बरसात के समय प्रार्थना स्थल भी उपयोग के योग्य नहीं रहता। छात्र-छात्राएं और शिक्षक टपकती छत के नीचे पढ़ाई और शिक्षण कर रहे हैं। दीवारों और फर्श में सीलन की समस्या गंभीर हो गई है। निरीक्षण टीम और संबंधित विभाग अब तक इस जर्जर स्थिति का कोई समाधान नहीं कर पाए हैं। ग्रामीण और विद्यालय परिवार चिंतित हैं कि जिम्मेदार हादसे का इंतजार कर रहे हैं। शालाओं में सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल मरम्मत आवश्यक है। स्थानीय लोगों ने उच्चाधिकारियों से आग्रह किया है कि शीघ्र निरीक्षण कर आवश्यक सुधार किया जाए, ताकि विद्यार्थी और शिक्षक सुरक्षित वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर सकें।

इधर निरीक्षण पर भी सवाल
पंचायत समिति नैनवां से निरीक्षण पर आए संबंधित अधिकारियों के निरीक्षण पर भी सवाल उठ रहे है। आखिर निरीक्षण में असुरक्षित भवन को गंभीरता से क्यों नहीं देखा है। भवन के चौतरफा कक्षाकक्षों की सुरक्षा को लेकर साफ-सफाई के निर्देश क्यों नहीं दिए है। मौके पर आकर निरीक्षण नहीं किया या औपचारिकता पूर्ण की यह भी सवाल खड़े हो रहे है। ऐसे में शाला परिसर के खतरे के साएं में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर किया जा रहा है।

शाला में देखरेख का अभाव
शाला में जिम्मेंदार अधिकारी जागरूक नहीं होने से शाला में कक्षा-कक्षों के पिछली दीवारों में बड़े-बडेÞ पेड़-पौधों हो चूके है,जो कक्षाकक्षो की दीवारो को भी खतरा बढता जा रहा है। ऐसे लगाता है कि यह विद्यालय भवन नहीं जंगल में पेड़ पनपे हुए है।

शाला स्तर पर दो बार ब्लॉक शिक्षाधिकारी को लिखित में अवगत
शाला ने दो बार शाला के भवन को लेकर लिखित-पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। लेकिन समस्या अभी भी बनी हुई है। मरम्मत करवाने के नाम पर रेती व सीमेंट बिछा दी जाती है। दीवारो में सीलन आना जारी है। पट्टियों पर वजन बढ़ने से पट्टियों के टूटने का भी खतरा बढ़ रहा है। लेकिन सक्षम अधिकारी ने बारिश के समय मौके पर आकर स्थिति को नहीं जान रहे है। शाला के परिसर के मुख्य गेट पर बरसाती पानी जमा होने से कीचड़ की समस्या रहती है जिसको लेकर सादेड़ा ग्राम पंचायत को भी लिखित पत्र देकर समस्या से अवगत कराया जा चूका है। मगर समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है। सोमवार को बारिश के पानी व कीचड़ भरी डगर से छात्र-छात्राएं गुजरते हुए नजर आए है। 

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यह कहा वाइस प्रिंसिपल ने
मैं सादेड़ा विद्यालय में नया आया हूँ। पहले क्या हुआ इसका मुझे पता नहीं है। इस समय बारिश चल रही है, जो एक कक्ष के अलावा सभी कक्ष की छत टपक रही है। छात्र-छात्राओं को बारिश से बचाने के लिए सामूहिक में कक्षाए रखनी पड़ती है। बारिश होते ही समस्या बढ जाती है, सभी कक्षाओं को एडजस्ट करना मुश्किल हो रहा है। 
-हरनन्दा मीणा, वाइस प्रिंसिपल, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सादेड़ा। 

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 सादेड़ा विद्यालय का निरीक्षण किया गया था। पहले मरम्मत की राशि आई थी, मार्च में जिस विद्यालय में राशि आई, वहां संबंधित ग्राम पंचायत ने मरम्मत की थी। जिसमें पिचेहतर प्रतिशत मरम्मत वाले विद्यालयों में छत टपकने की समस्या आ रही है। शाला का जल्द ही मौके पर आकर उच्च निरीक्षण करेंगे, मौके पर कमियां नजर आएंगी, तो उन्हें दुरूस्त करवाया जाएगा।
-अनिल जैन, सीबीईओ, नैनवां। 

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