शादी बनी मिसाल: दहेज में एक रुपया लेकर रचाई शादी, दुल्हन को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी
लालसोट उपखंड के मंडावरी कस्बे में दहेज मुक्त शादी को बढ़ावा देने का एक उदाहरण विवाह समारोह में देखने को मिला है।
दौसा। लालसोट उपखंड के मंडावरी कस्बे में दहेज मुक्त शादी को बढ़ावा देने का एक उदाहरण विवाह समारोह में देखने को मिला है। जिसमें वर पक्ष की तरफ से दहेज प्रथा जैसी कुरीति को खत्म करने की पहल करते हुए समाज मे एक नई मिसाल पेश की है। पूजा मीना पुत्री घनश्याम मीना परदेशिया का विवाह कमलेश मीना पुत्र जन्शीराम मीना चारणवास, बस्सी के साथ संपन्न हुआ है। दूल्हा कमलेश मुंबई में इन्कम टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर राजकीय सेवा में कार्यरत है। दूल्हे के पिता ने दहेज लेने से इनकार कर दिया और दहेज प्रथा खत्म करने की बात कही। शादी में शगुन के रूप में एक रुपया और नारियल लिया। दोनों परिवारों ने मिलकर इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने का संदेश देते हुए समाज में एक नई मिसाल पेश की है। दुल्हन पूजा पूर्व वित्त मंत्री वीरेंद्र मीना एवं सांसद जसकौर मीना की भतीजी हैं।
दहेज में दुल्हन से बढ़कर कुछ नहीं : दूल्हे के पिता
एक परिवार को खुश करने के लिए दूसरे परिवार को दुखी होना पड़ता है। इसी सोच को बदलने के लिए उन्होंने अपने आप से इसकी शुरुआत की है। समाज को बदलने के लिए युवाओं का जागरूक होना जरूरी है। समाज में फैली बुराई को खत्म करने के लिए सामाजिक लोगों को आगे आने की जरूरत है। पारिवारिक सहमति से हुए इस आदर्श विवाह की क्षेत्र में खूब हो रही है प्रशंसा। दूल्हे के पिता ने कहा, दहेज में दुल्हन से ज्यादा अहम और कुछ नहीं।
बेटा-बेटी में समानता का दिया संदेश
दुल्हन पूजा के पिता और परिवार जन ने बेटा बेटी में समानता दर्शाते हुए बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बस स्टैंड सहित मुख्य बाजार होते हुए बिंदोरी निकाल कर समाज सहित पूरे कस्बे में एक अनूठा संदेश दिया है।

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