एसडीआरएफ की 57 टीमों ने 32 जिलों में 40 रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 102 लोगों को बचाया
पार्वती नदी के टापू पर फंसे पांच पशुपालकों को सुरक्षित रेस्क्यू
एसडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में गर्भवती महिला, टापू पर फंसे पशुपालकों, झरने के तेज बहाव के बीच फंसे युवकों और विद्यालय में फंसे बच्चों का रेस्क्यू ऑपरेशन शामिल हैं।
जयपुर। प्रदेश में सक्रिय मानसून से कहीं बाढ़ के हालात बन रहे हैं तो कहीं तेज बारिश नहीं थम रही है। बारिश से आ रही परेशानियों में लोगों के बचाव कार्य करने के लिए एसडीआरएफ की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। पिछले दिनों में एसडीआरएफ की 57 रेस्क्यू टीमें 32 जिलों में तैनात की गई हैं। इन टीमों ने मानसून में अब तक 40 रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 102 नागरिकों को जीवित बचाया और 32 लोगों के शवों को बरामद किया। एसडीआरएफ के कमाण्डेंट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि वर्तमान मानसून सत्र 2025 में राज्य आपदा प्रतिसाद बल की 57 रेस्क्यू टीमें राज्य के बाढ़ संभावित 32 जिलों में आपदा राहत एवं बचाव के लिए तैनात की गई हैं। ये सभी रेस्क्यू टीमें सूचना मिलने पर तुरन्त रेस्क्यू अभियानों को अंजाम देने के लिए 24 घंटे तैयारी हालत में रहती हैं। सभी रेस्क्यू टीमों के पास आपदा बचाव एवं राहत के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं।
बचाव के सफल ऑपरेशन
एसडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में गर्भवती महिला, टापू पर फंसे पशुपालकों, झरने के तेज बहाव के बीच फंसे युवकों और विद्यालय में फंसे बच्चों का रेस्क्यू ऑपरेशन शामिल हैं।
23 जून 2025 को नाहरगढ़ बारां में पार्वती नदी के टापू पर फंसे पांच पशुपालकों को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
दो जुलाई मण्डावर झालावाड़ के तहत आहू नदी उफान पर होने से गागरोन गांव में फंसी गर्भवती महिला और चार परिजनों को रेस्क्यू किया।
14 जुलाई को बस्सी चितौड़गढ़ के तहत निलीया महादेव के तेज बहाव में फंसे तीन युवकों को रेस्क्यू किया।
14 जुलाई को रावतभाटा चित्तौड़गढ़ के तहत स्थानीय नदी उफान पर होने से मोहनपुरा गांव के एक मकान की छत पर बैठे आठ ग्रामीणों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
14 जुलाई को रानपुरा कोटा शहर में बंधा धर्मपुरा क्षेत्र में स्थित अरिहन्त पब्लिक स्कूल में फंसे 65 बच्चों तथा 15 स्कूल स्टाफ को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

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