सरकार ने आरयू के शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पर लगाई रोक

सरकार ने आरयू के शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पर लगाई रोक

दैनिक नवज्योति की खबर का असर : नियम विरुद्ध शिक्षकों की पदोन्नति पर सरकार ने की कार्रवाई

 जयपुर। राज्य सरकार ने राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के विरुद्ध यह पदोन्नति प्रक्रिया की थी, जिस पर दैनिक नवज्योति ने कई बार प्रमुखता से खबरों का प्रकाशन किया था। नवज्योति की खबरों को प्रमुखता से लेते हुए राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त सहित विश्वविद्यालय के कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर बनाने के मामले पर अब आदेश जारी करके रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय ने सेवानिवृत्त सहित 100 से अधिक एसोसिएट प्रोफेसर को पदोन्नति कर प्रोफेसर बना दिया था। इसके बाद सिंडिकेट की बैठक करके इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए थे। जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस प्रक्रिया को नियम विरुद्ध मानते हुए रोकने के लिए विश्वविद्यालय को तीन बार कड़े आदेश जारी किए थे।

विश्वविद्यालय को बड़ा झटका

राजस्थान विश्वविद्यालय ने हाल ही में सीएएस के तहत शिक्षकों की पदोन्नति की थी, उसको सरकार से बड़ा झटका लगा है। सरकार ने इसमें रिटायर्ड शिक्षकों की पदोन्नति के आदेश की क्रियान्विती पर रोक लगा दी है। सूत्रों के अनुसार यह रोक जांच कमेटी की रिपोर्ट आने तक है। उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश में लिखा है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी को यूजीसी के पत्रों के संदर्भ में प्रदत्त निर्देशों के अनुरूप ही शिक्षकों को सीएएस के तहत पदोन्नति देने की अनुशंषा की है। जबकि राजस्थान यूनिवर्सिटी ने सिंडिकेट की विशेष बैठक कर सेवानिवृत शिक्षकों सहित सभी शिक्षकों के पदोन्नति आदेश जारी कर दिए। प्रथमदृष्टया राजस्थान यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट ने सेवानिवृत शिक्षकों के प्रकरण में यूजीसी के प्रावधानों और सरकार की सलाह के विपरीत कार्रवाई की है, जो किसी भी दृष्टि से वैध नहीं कही जा सकती। उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को सीएएस का लाभ देने के लिए सशर्त अनुमति प्रदान की थी, जिसमें लिखा था कि शिक्षकों को सीएएस के लिए चयन के संबंध में स्किनिंग कमेटी ने यूजीसी रेगूलेशन 2010 और समय-समय पर बनाए गए नियमों के आधार पर स्क्रीनिंग करके नियमानुसार पात्रता तय की जाएगी। यूनिवर्सिटी ने इसकी पूर्णत: पालना नहीं की।

विश्वविद्यालय पर सालाना आएगा चार करोड़ का भार
इस निर्णय से यूनिवर्सिटी पर करीब 4 करोड़ रुपए सालाना का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।

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