मानसून के बाद फिर बढ़ी गर्मी, घर-घर में सर्दी-जुकाम, वायरल-रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के मरीज
इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप, सर्दी-जुकाम-खांसी भी कर रही परेशान
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के जनरल मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सैना ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण इन दिनों ओपीडी में ज्यादातर मामले अपर रेस्पिरेटरी वायरस से ग्रसित होकर आ रहे हैं।
जयपुर। राजधानी जयपुर से मानसून पूरी तरह से विदा हो चुका है। इस दौरान जहां मौसम में ठंडक थी, वहीं अब फिर से गर्मी और तेज धूप का असर बढ़ गया है। ऐसे में इन दिनों शहर में सर्दी-जुकाम, खांसी, वायरल बुखार के मामले अचानक तेजी से बढ़ रहे हैं। यह सारी बीमारियां मौसम के बदलाव के कारण है, लेकिन अपर रेस्पिरेटरी वायरस इसकी एक बड़ी वजह है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम बदलने के कारण आमतौर पर नॉर्मल वायरल लोड रहता है, लेकिन इन दिनों मरीज के तेज बुखार के बाद लम्बे समय तक खांसी, बदन दर्द और कमजोरी की शिकायत ज्यादा आ रही हैं। एसएमएस अस्पताल की ओपीडी इन दिनों 10 हजार प्रतिदिन के आंकड़े को पार गई है। वहीं मेडिसिन विभाग की ओपीडी में आने वाला हर तीसरा या चौथा मरीज अपर रेस्पिरेटरी वायरस की चपेट में आ रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि जितने भी मरीज इन वायरस की चपेट में आ रहे हैं उसमें करीब 90 फीसदी केस हल्के लक्षण वाले हैं।
मौसम में बदलाव के साथ वायरस एक्टिव
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के जनरल मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सैना ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण इन दिनों ओपीडी में ज्यादातर मामले अपर रेस्पिरेटरी वायरस से ग्रसित होकर आ रहे हैं। अपर रेस्पिरेटरी वायरस में एडिनो वायरस, इन्फ्लुएंजा, राइनो, आरएसवी सहित अन्य वायरस भी शामिल है। ये वायरस मौसम में बदलाव के साथ एक्टिव होते हैं और तेजी से फैल रहे हैं। इसमें बुखार सामान्यतया चार से पांच दिन रहता है, लेकिन कुछ केस में आठ से दस दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा। मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है और यह लम्बे समय तक रहती है।
बच्चों पर भी पड़ रहा असर
मौसम में बदलाव का बड़ा असर बच्चों पर भी हो रहा है। इसके चलते जयपुर में बच्चों के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेके लोन में ओपीडी की संख्या दो हजार प्रतिदिन पार गई है। अस्पताल में ज्यादातर बच्चे जुकाम, खांसी, बुखार और सांस में तकलीफ के आ रहे हैं।
ये है बचाव
- ठंडा खाने और पीने से बचें।
- तुरंत एसी के सपंर्क में ना जाएं।
- इन दिनों पंखे से ही काम चलाएं, एसी बीमार कर सकता है।
- मास्क का प्रयोग करें।
- हाथों को समय-समय पर साबुन या सेनेटाइजर से साफ रखें।
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