कांग्रेस अधिवेशन के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत, बड़े नेताओं की दूरियों को मिटाने की कवायद

कांग्रेस कमेटियों की संख्या 39 से बढ़ाकर 50 की गई

कांग्रेस अधिवेशन के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत, बड़े नेताओं की दूरियों को मिटाने की कवायद

कांग्रेस अधिवेशन 2025 के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़े संगठनात्मक बदलाव की संभावना जताई जा रही है

जयपुर। कांग्रेस अधिवेशन 2025 के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़े संगठनात्मक बदलाव की संभावना जताई जा रही है। हाल के घटनाक्रम और पार्टी के भीतर चल रही चर्चाओं के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने और भविष्य की चुनावी रणनीतियों को प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठा सकती है। बदलाव के अलग अलग चरणों में सबसे पहले जिला कांग्रेस कमेटियों के पुनर्गठन का कार्य तेजी से आगे बढ़ सकता है। संगठनात्मक मजबूती के लिए हाल ही में राजस्थान में जिला कांग्रेस कमेटियों की संख्या 39 से बढ़ाकर 50 की गई है। इस बदलाव का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर नेतृत्व को सशक्त करना और कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। अधिवेशन के बाद इन कमेटियों में नए चेहरों को शामिल करने और सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसके अलावा पीसीसी में अध्यक्ष पद पर बदलाव की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। मौजूदा अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में संगठन ने कई बदलाव किए हैं, लेकिन अधिवेशन के बाद पार्टी हाईकमान नए नेतृत्व की तलाश कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, यह बदलाव सचिन पायलट और अशोक गहलोत जैसे प्रमुख नेताओं के प्रभाव को संतुलित करने के लिए भी हो सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि गहलोत गुट से ही नया पीसीसी चीफ चुना जा सकता है, जबकि कुछ का कहना है कि पायलट समर्थक किसी नए चेहरे को मौका मिल सकता है। वंही, मिशन 2028 को ध्यान में रखते हुए बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने की योजना बनाई जा सकती है। 

कांग्रेस पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली हार से सबक लेते हुए जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना चाहती है। इसमें युवा और महिला नेताओं को आगे लाने पर जोर दिया जा सकता है। पार्टी गुटबाजी को कम करने और एकजुटता दिखाने की कोशिश कर सकती है। गहलोत और पायलट के बीच लंबे समय से चली आ रही तनातनी को खत्म करने के लिए हाईकमान दोनों नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप सकता है। गहलोत को संगठन में रणनीतिक भूमिका दी जा सकती है, जबकि सचिन पायलट को चुनावी तैयारियों का नेतृत्व सौंपा जा सकता है।

Tags: Congress  

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