मंडी व्यापारियों में फूट : 'यूजर चार्ज' पर आम सभा में बनी सहमति, हड़ताल रविवार तक रहेगी
गरमागरम बहस और आरोप-प्रत्यारोप
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा आयोजित आम सभा में "यूजर चार्ज" के विरोध पर व्यापारियों में गहरा मतभेद सामने आया।
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा आयोजित आम सभा में "यूजर चार्ज" के विरोध पर व्यापारियों में गहरा मतभेद सामने आया। साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में रविवार तक प्रदेशव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई है।
गरमागरम बहस और आरोप-प्रत्यारोप :
पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे मंडी व्यापारी सुबह 11:30 बजे राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के बैनर तले एकत्रित हुए। बैठक में संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता द्वारा संघ की स्थापना की जानकारी दिए जाने पर जोधपुर के एक व्यापारी ने तुरंत आपत्ति जताते हुए कहा कि वे यहां यह सब सुनने नहीं, बल्कि "यूजर चार्ज" हटाने पर बात करने आए हैं। इस दौरान व्यापारियों के विरोधाभासी बयान भी सामने आए।
कृषि विभाग ने जारी की 'प्रोडक्ट लिस्ट' :
आम सभा के बीच ही कृषि विभाग ने एक 'प्रोडक्ट लिस्ट' जारी कर दी, जिसमें उन सभी उत्पादों की सूची दी गई है जिन पर 'यूजर चार्ज' लगाया जाएगा। (देखें परिशिष्ट 'अ' की सूची, जिसमें दाल, चावल, आटा, बेसन, सूजी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ-साथ चिप्स, वेफर्स, स्नैक्स, जैम, बटर, दूध पाउडर और विभिन्न प्रकार के अनाज, मसाले और बीज भी शामिल हैं)। इस सूची में कुल 106 उत्पाद हैं।
राजस्व और बंद होती मंडियां :
सूरजपोल मंडी के व्यापारी सुरेश बंसल ने बताया कि देशभर में महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा राजस्व आता है, जबकि राजस्थान में राजस्व कम होने के बावजूद सरकार "यूजर चार्ज" थोप रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की 247 मंडियों में से लगभग 80 मंडियां पहले से ही बंद होने की कगार पर हैं क्योंकि वहां कृषि उपज की आवक नहीं है।
नेतृत्व की कमी और विभाजित व्यापारी :
आम सभा में व्यापारियों के दो धड़े साफ तौर पर दिख रहे थे, जो एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने लगातार बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन बेमियादी हड़ताल पर व्यापारी एकमत नहीं हो पाए। फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन प्रदेश की 247 मंडियों में हड़ताल की संभावना अभी भी बनी हुई है।

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