सरपंचों ने एक बार फिर दी आंदोलन की चेतावनी
सरपंचों की मांगों को लेकर केवल आश्वासन मिल रहे है
ग्राम पंचायतों की रुकी हुई विकास राशि और कई योजनाओं से जुड़ी समस्याओं पर पूर्व में हुए समझौते की पालना नहीं होने पर सरपंच संघ ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है।
जयपुर। ग्राम पंचायतों की रुकी हुई विकास राशि और कई योजनाओं से जुड़ी समस्याओं पर पूर्व में हुए समझौते की पालना नहीं होने पर सरपंच संघ ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है। सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि सरपंच संघ के साथ हुए राज्य सरकार से समझौते को अभी तक लागू नहीं करने पर सरपंचों में आक्रोश है। सरपंचों की मांगों को लेकर कई बार मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात के बाद भी केवल आश्वासन मिल रहे है। हल नहीं निकलने पर फिर से संघर्ष करने का फैसला किया है। आंदोलन की रणनीति के तहत 21 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री के लिए कलक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा।
इसके बाद यदि विधानसभा के बजट में मांगों पर घोषणा नहीं हुई, तो विधानसभा का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे। गढ़वाल ने कहा कि ग्राम पंचायतों के विकास के लिए वित्त आयोग की रुकी हुई किश्तें, मानदेय कर्मियों के भुगतान प्रावधानों को निरस्त कर इनके लिए अलग से बजट जारी करना, सरपंचों और वार्ड पंचों का मानदेय बढ़ाना और बजट प्रावधानों में संशोधन, ग्राम पंचायत विकास कार्यो की टेंडर प्रक्रिया में संशोधन और नरेगा कार्यो में कई बिंदुओं में सुधार सहित कई मांगे है।

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