बीसीसीआई ने पहले बताया था पोटेंशियल वेन्यू, लेकिन अब जयपुर को नहीं दी न्यूजीलैंड मैच की मेजबानी
कहीं आरसीए का विवाद तो नहीं है वजह?
जयपुर की इस अनदेखी के लिए राजस्थान क्रिकेट संघ की अंदरूनी कलह को माना जा रहा है।
जयपुर। हाल ही में आईपीएल के सात मुकाबलों की सफल मेजबानी कर चुका जयपुर का सवाई मानसिंह स्टेडियम अब अंतरराष्ट्रीय मैचों की रेस से बाहर होता दिख रहा है। बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया द्वारा इसे पोटेंशियल वेन्यू बताया गया था, और पंजाब किंग्स द्वारा भी इसे अपना होम ग्राउंड बनाया गया, बावजूद इसके जयपुर को अगले साल होने वाले न्यूजीलैंड दौरे और महिला वनडे वर्ल्ड कप जैसे बड़े आयोजनों की सूची में जगह नहीं मिल पाई। जयपुर की इस अनदेखी के लिए राजस्थान क्रिकेट संघ की अंदरूनी कलह को माना जा रहा है।
शॉर्ट लिस्ट सेंटरों में था जयपुर
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बीसीसीआई ने न्यूजीलैंड दौरे के लिए जिन आठ स्थलों को शॉर्टलिस्ट किया था, उनमें जयपुर भी शामिल था। अन्य शहरों में मोहाली, इंदौर, राजकोट, गुवाहाटी, हैदराबाद, त्रिवेंद्रम और नागपुर शामिल हैं। लेकिन सोमवार को घोषित फाइनल कार्यक्रम में जयपुर का नाम नदारद रहा। सेंट्रल जोन से इंदौर को वनडे और रायपुर को टी-20 मैच की मेजबानी दी गई है।
आईपीएल में मिला था विशेष दर्जा
सीमा पर तनाव के चलते जब आईपीएल शेड्यूल में बदलाव हुआ, तो बीसीसीआई सचिव ने जयपुर को पोटेंशियल वेन्यू बताया। इसके बाद जयपुर को दो अतिरिक्त आईपीएल मैचों की मेजबानी मिली और पंजाब किंग्स ने भी अपने दो घरेलू मैचों के लिए एसएमएस स्टेडियम को अपना होम ग्राउण्ड बनाया। ऐसे में कोई कारण नहीं था कि जयपुर को अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं मिले।
आरसीए में 14 महीने से चल रहा है गतिरोध
राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) में पिछले 14 महीनों से एडहॉक कमेटी काम कर रही है। मार्च 2024 में समिति का गठन कर उसे तीन महीने में चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन अब तक चार बार कार्यकाल बढ़ने के बावजूद चुनाव नहीं हो सके हैं। वर्तमान में कमेटी दो खेमों में बंटी हुई है और आपसी विवाद चरम पर है। मामला बीसीसीआई तक पहुंच चुका है। कमेटी के सदस्य एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। जिला संघों को नोटिस भेजना और उनकी मान्यता खत्म करना अब आम हो गया है।
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