किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भजनलाल सरकार ने लिए अहम फैसले
7465 डिग्गी निर्माण के लिए अनुदान
प्राकृतिक खेती बढ़ावे को बैलों से खेती करने वाले किसानों को 30 हजार रुपए प्रतिवर्ष अनुदान राशि दे रहे।
जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए डेढ़ साल में अहम फैसले किए हैं। सरकार ने तारबंदी, फार्म पौंड, सिंचाई पाइपलाइन और सूक्ष्म सिंचाई जैसी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू किया है। खेतों पर 32,164 फार्म पौंड का निर्माण किया है। जबकि गत सरकार के पांच साल में 29,430 ही फार्म पौंड के मुकाबले डेढ़ साल में 32,164 पौंड निर्माण को अनुदान दिया जा चुका है।
7,465 डिग्गी निर्माण और कुओं से खेत तक जल बर्बादी रोकने के लिए 25,787 किमी सिंचाई पाइपलाइन बिछाने को 53.89 करोड़ का अनुदान दिया है। जानवरों से फसल बर्बादी रोकने को 25,400 किमी तारबंदी के लिए 286 करोड़ अनुदान दिया है। पिछली सरकार ने केवल 11,300 किमी पर ही तारबंदी की थी। पाइपलाइन योजना में 77 हजार से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है। पूर्व सरकार के इस कार्यकाल अवधि में 41,608 किसानों को ही इसका लाभ मिला था।
ये बड़े निर्णय और काम भी हुए
मृदा स्वास्थ्य: 12.86 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे। 37,911 वर्मी कंपोस्ट इकाइयां स्थापित कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया। 50.87 लाख महिला कृषकों को नि:शुल्क बीज मिनी किट दिए।
सौर ऊर्जा व ड्रिप सिंचाई
41,690 सोलर पंप सेट लगाने को 650.95 करोड़ की सब्सिडी दी। 1,40,217 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप और मिनी ्प्रिरंकलर पद्धति लागू करने पर 713.58 करोड़ खर्च किए। 1,73,786 हेक्टेयर में ्प्रिरंकलर सेट स्थापित कर 193.26 करोड़ सब्सिडी दी।
ग्रीन हाऊस व प्याज भंडारण
33.22 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में ग्रीन हाउस लगाए। 1024 कृषकों को 142.39 करोड़ दिए। 9.17 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में शेडनेट हाउस स्थापित कर 187 कृषकों को 25.20 करोड़ सब्सिडी दी। 4082 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लास्टिक मल्चिंग अपनाकर 4843 कृषकों को 7.64 करोड़ रुपए की सहायता दी। प्याज के भंडारण को 2,100 प्याज भंडार गृह बनाने को 40.75 करोड़ सब्सिडी दी।
फल बगीचों की स्थापना
संतरा, अमरूद, अनार, नींबू, आंवला और किन्नू जैसे फलों के 2996 हेक्टेयर क्षेत्र में नए फल बगीचों की स्थापना करवाई। 1,821 कृषकों को 6.35 करोड़ सब्सिडी दी।
बैलों से खेती पर अनुदान
प्राकृतिक खेती बढ़ावे को बैलों से खेती करने वाले किसानों को 30 हजार रुपए प्रतिवर्ष अनुदान राशि दे रहे। गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना में गोवंश आधारित जैविक खाद उत्पादन के लिए प्रति कृषक 10 हजार रुपए की सहायता दी जा रही है।
बाजार तक पहुंच
ई नाम पोर्टल के माध्यम से किसान की बाजार तक पहुंच सुनिश्चित हुई। कृषि विभाग, अनुसंधान संस्थाएं और कृषि विश्वविद्यालय मिलकर किसानों को प्रशिक्षित कर रहे।

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