सवाई मानसिंह चिकित्सालय में रोबोटिक सर्जरी से बड़ी उपलब्धि : दुर्लभ बीमारी मिडियन आर्केट लिगामेंट सिंड्रोम का सफल ऑपरेशन, जानें लक्षण और उपचार

पाचन तंत्र को खून पहुँचाने वाली मुख्य धमनी लगभग 70% ब्लॉक

सवाई मानसिंह चिकित्सालय में रोबोटिक सर्जरी से बड़ी उपलब्धि : दुर्लभ बीमारी मिडियन आर्केट लिगामेंट सिंड्रोम का सफल ऑपरेशन, जानें लक्षण और उपचार

सवाई मानसिंह चिकित्सालय के सर्जरी विभाग ने दुर्लभ बीमारी मिडियन आर्केट लिगामेंट सिंड्रोम का जटिल लेकिन सफल रोबोटिक ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया है। मरीज अब स्वस्थ है और सामान्य भोजन करने लगा है। वर्ष 2018 से उसे खाने के बाद पेट दर्द, भूख कम लगना, घबराहट और पाचन में समस्या होने लगी। कई चिकित्सकों को दिखाने और वर्षों तक उपचार कराने के बावजूद बीमारी का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।

जयपुर। सवाई मानसिंह चिकित्सालय के सर्जरी विभाग ने दुर्लभ बीमारी मिडियन आर्केट लिगामेंट सिंड्रोम का जटिल लेकिन सफल रोबोटिक ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया है। मरीज अब स्वस्थ है और सामान्य भोजन करने लगा है। रोबोटिक तकनीक द्वारा इस दुर्लभ बीमारी का सफल ऑपरेशन डॉ जीवन कांकरिया एवं उनकी टीम द्वारा किया गया इसमें एनेस्थीसिया विभाग से डॉ सुशील भाटी, डॉ सुनील चौहान डॉ कंचन एवं डॉ इंदू का योगदान रहा। डॉ कांकरिया ने बताया कि 34 वर्षीय सीकर निवासी मरीज पिछले करीब सात वर्षों से पेट दर्द से परेशान था। वर्ष 2018 से उसे खाने के बाद पेट दर्द, भूख कम लगना, घबराहट और पाचन में समस्या होने लगी। कई चिकित्सकों को दिखाने और वर्षों तक उपचार कराने के बावजूद बीमारी का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। पिछले छह महीनों में स्थिति गंभीर हो गई, वज़न क़रीब 20 किलो कम हो गया, और एक समय ऐसा भी आया जब उसका हीमोग्लोबिन केवल 5.8 ग्राम रह गया।

कई रूटीन जाँचों—ब्लड टेस्ट, सोनोग्राफी और अन्य परीक्षण—के बाद भी जब कारण पता नहीं चला, तब मरीज़ की CT एंजियोग्राफी जाँच कराने का निर्णय लिया। जाँच में यह महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया कि पाचन तंत्र को खून पहुँचाने वाली मुख्य धमनी लगभग 70% ब्लॉक थी। जन्मजात शारीरिक संरचना में मौजूद कुछ मांसपेशियों द्वारा नली पर दबाव पड़ने के कारण भोजन के बाद पर्याप्त रक्त-सप्लाई नहीं पहुँच पाती थी। इसी वजह से मरीज को:
    •    खाने के बाद दर्द
    •    भूख कम लगना
    •    उल्टियां आना
    •    लगातार वजन गिरना
    •    और भोजन से डर लगने जैसी समस्याएँ होती रहीं।  

यह दुर्लभ बीमारी क़रीब एक लाख व्यक्तियों में एक को होती है सबसे बड़ी बात यह है कि इसका डायग्नोसिस करना एक चैलेंज होता है क्योंकि भोजन करने के बाद में दर्द होना और भोजन करने से डर लगना कई बार ये आम बात होती है और मरीज़ जिसे एसीडिटी समझकर दवाइयाँ लेता रहता है लेकिन साधारण जांचों में यह बीमारी पकड़ में नहीं आती है ।

रोबोटिक तकनीक से सुरक्षित, सटीक और तेज़ उपचार

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एसएमएस अस्पताल में यह ऑपरेशन अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी एवं आई सी जी टेक्नोलॉजी द्वारा महायोजना के अंतर्गत किया गया, जिसके कई महत्वपूर्ण फायदे रहे:
    •    मरीज को बहुत कम दर्द हुआ
    •    सर्जरी में खून की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ी
    •    पूरी सर्जरी करीब 2 घंटे में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई
    •    मात्र कुछ ही घंटों बाद मरीज को भोजन देना संभव हुआ

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