रेरा की बड़ी कार्रवाई: बिल्डिंग व आवासीय योजनाओं के रिकॉर्ड किए तलब
रेरा की सख्ती: बिना पंजीकरण वाली परियोजनाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी
प्रदेश में बिना रेरा पंजीकरण के मकान और प्लॉट बेचने के बढ़ते मामलों पर कार्रवाई तेज हो गई है। लगातार शिकायतें मिलने पर रेरा ने विकास प्राधिकरणों, नगर विकास न्यास और नगरीय निकायों से 2017 से अब तक स्वीकृत सभी बिल्डिंग व आवासीय परियोजनाओं के रिकॉर्ड तलब किए हैं। कई परियोजनाएँ बिना रेरा आवेदन के ही स्वीकृत पाए जाने पर जांच शुरू हो गई है।
जयपुर। प्रदेश में इस समय हर जगह रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी रजिस्ट्रेशन के ही मकान और जमीन बेचने के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिससे आम लोगों इन आरोपियों के झासे मे फंस रहे है। आम लोगों की परेेशानी को देखते हुए और लगातार मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए रेरा ने अब इन मामलों में सख्ती दिखाई है और विकास प्राधिकरणों, नगर विकास न्यास और नगरीय निकायों से स्वीकृत सभी बिल्डिंग व आवासीय योजनाओं के रिकॉड तलब किए गए हैं ताकि ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जा सके।
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन रिकॉर्ड में साल 2017 से लेकर अब तक के सभी स्वीकृत बिल्डिंग और आवासीय योजनाओं को शामिल किया गया है ताकि विकास प्राधिकरणों और नगरिय निकायों की जवाबदेही तय की जा सके। इतना ही नहीं, इन रिकॉर्ड में कई प्रोजेक्ट ऐसे भी है, जिनमें बिल्डर ने रेरा में आवेदन ही नहीं किया है, लेकिन प्राधिकरणों और निकायों ने उनका नक्शा पास भी कर दिया गया है। बता दें कि, बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाएं फ्लैट या भूखंड बेचना सरकारी नियमों के खिलाफ है।
इसके अलावा, शहर में जगह-जगह बुकिंग पर लक्की ड्रा, गिफ्ट और इनाम जैसे लालच के पम्पलेट भी बांटे जा रहे हैं। इन पर ना तो रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर होता है और ना ही स्वीकृत नक्शे की कोई जानकारी अंकित होती है।

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