घूसखोरी का मकड़जाल : विधायक जयकृष्ण ने 700 किमी दूर करौली के माइंस व्यापारी के खिलाफ लगाए सवाल
1958 से अब तक कितनी निकल चुकी है बजरी और पत्थर
घूसखोरी तंत्र में बीच में कोई और भी शामिल, जिसने दी थी परिवादी के बारे में विधायक को सूचना, परिवादी ने घूसखोरी में नहीं दिया एक भी डमी नोट, सारे नोट 500-500 के
जयपुर। विधायक जयकृष्ण पटेल ने घूसखोरी के रुपए लेने के लिए अपने क्षेत्र को छोड़कर पूर्वी क्षेत्र को चुना। उसने माइंस व्यापारी रविन्द्र सिंह के खिलाफ विधानसभा में तीन सवाल लगाए और उसके बाद खुद ने ही व्यापारी को फोन कर कहा कि कुछ सेवा पानी कर दोगे तो मैं ये सवाल वापस ले लूंगा जबकि पटेल के विधानसभा क्षेत्र से करीब 700 किमी दूरी पर माइंस व्यापारी की खान हैं। इसके अलावा पटेल ने करौली खान विभाग को एक पत्र लिखकर पूछा है कि 1958 से लेकर अब तक यहां खान में से कितनी बजरी, मिट्टी और पत्थर निकाला जा चुका है।
परिवादी ने एसीबी को बताया कि विधायक लगातार पीछा कर रहे थे, रुपए नहीं दिए तो प्रश्न वापस नहीं लूंगा और प्रश्नों का जवाब भी आ गया तो वापस शिकायत करूंगा। जब व्यापारी ज्यादा परेशान हो गया तो पटेल के रिश्तेदार भाई और दलाल विजय कुमार पटेल ने सुलह कराने का आश्वासन दिया और घूस की पहली किश्त पहुंचाने के लिए परिवादी को मालवीय नगर से लेकर विधानसभा आवास परिसर पहुंचा। सुबह करीब नौ बजे परिवादी के साथ एसीबी की टीम पहुंच गर्इं। ट्रेप करके बाद करीब साढ़े तीन बजे एसीबी मुख्यालय ले आर्इं, जहां देर रात तक पूछताछ जारी रही।
पूरे स्टाफ के साथ आए विधायक
विधायक पटेल जयपुर अपने पूरे स्टाफ गनमैन बलबीर, सोशल मीडिया देखने वाले रौनक, परिवादियों की शिकायत को इकट्ठा करने वाले मनोज पटेल और ड्राइवर राजेश के साथ जयपुर पहुंचे थे। एसीबी इन चारों को भी एसीबी मुख्यालय लेकर पहुंची, जहां इनसे भी पूछताछ की गई।
घूस लेने के लिए बांसवाड़ा से आए
परिवादी की शिकायत के बाद एसीबी ने परिवादी, दलाल और विधायक के फोन को सुनना शुरू कर दिया। विधायक पहले जयपुर नहीं आ रहे थे लेकिन घूस के रुपए लेने के शनिवार रात को ही वह रवाना हो गए। उन्होंने सुबह पांच बजे ही परिवादी को फोन कर दिया। परिवादी ने इसकी जानकारी तुरंत एसीबी अधिकारियों को दी तो एसीबी की टीमें दबिश देने के लिए तैयार हो गर्इं।
पूरी सतर्कता से ली थी घूस
विधायक जयकृष्ण को परिवादी एक लाख रुपए की घूस देने बांसवाड़ा पहुंचा था। जब परिवादी उसके विधानसभा क्षेत्र में पैसे लेकर पहुंचा तो विधायक के लोगों ने उसे बीच रास्ते में ही रोक लिया। परिवादी को उसकी कार से उतारकर कई कार-बाइकों के काफिले के साथ विधायक तक पहुंचाया और घूस ली। रविवार को भी इसी स्टाइल में रिश्वल ली गई। परिवादी और दलाल व विधायक ने सरकारी क्वार्टर की पार्किंग में खड़ी कार में रिश्वत के 20 लाख रुपए गिने। एसीबी टीम लगातार निगरानी रख रही थीं लेकिन एमएलए का गुर्गा कब रुपए लेकर भाग गया, पता हीं नहीं चला।
उपचुनाव जीतकर बने विधायक
विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे जयकृष्ण पटेल ने वर्ष-2024 में विधानसभा उपचुनाव में बागीदौरा से बीएपी के टिकट से भाजपा प्रत्याशी सुभाष तंबोलिया को हराकर उपचुनाव जीता था। विधानसभा चुनाव-2023 में पटेल को कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने हराया था। मालवीय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तो लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इससे बागीदौरा सीट खाली हुई और उप चुनाव में जयकृष्ण जीत गए।
यूडीएच का ये सवाल भी रहा चर्चा में
नगरीय विकास विभाग के संयुक्त शासन सचिव प्रथम के पत्र 15 मई 2018 की पालना में संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल को आवंटन शर्तों का उल्लंघन करने पर 13 जुलाई 2018 को नोटिस जारी किया था। अवैध व्यावसायिक गतिविधियों की जांच के लिए विभागीय स्तर पर 3 अगस्त 2018 को टीम गठित की गई। क्या टीम की ओर से 4 अगस्त 2018 को अवैध निर्माण हटाने और सील किए जाने की कार्रवाई की गई थी, क्या अवैध निर्माण अब भी अस्पताल में मौजूद हैं। यदि हां तो सरकार ने उक्त अवैध निर्माण को हटाने के संबंध में क्या कार्रवाई की। क्या सरकार की ओर से सील किए गए अवैध निर्माण को अस्पताल प्रशासन की ओर से काम में लिया जा रहा है, यदि हां तो किस नियम के तहत।
घूस की रकम टुकड़ों में लेना हुआ तय
डीजी मेहरड़ा ने बताया विधायक ने दो करोड़ रुपए घूस में मांगे। इस घूस की राशि को कई टुकड़ों में 20-20 और 30-30 लाख रुपए लेना तय हुआ था। रविवार को जो 20 लाख रुपए लिए थे वह घूस की पहली किश्त थी। जल्द ही एक और किश्त लेने वाले थे।
फरार आदमी के बारे में नहीं बता रहे
डीजी मेहरड़ा ने बताया कि परिवादी के सामने विधायक ने रुपए गाड़ी में बैठकर गिने थे। रुपए गिनने के बाद विधायक ने बैग किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया। परिवादी को इस बात की भनक नहीं लगी कि विधायक ने बैग किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया है। रुपए का बैग लेकर वह व्यक्ति फरार हो गया। अब विधायक पटेल उस व्यक्ति के बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं और बार-बार कह रहे हैं कि मैंने रुपए नहीं लिए। यदि रुपए लेकर फरार हुआ व्यक्ति नहीं मिलता है तो भी विधायक के खिलाफ एसीबी के पास पुख्ता सबूत हैं।
विधायक के हाथ हो गए लाल
डीजी मेहरड़ा ने बताया कि घूसखोरी के रुपए विधायक पटेल ने गाड़ी में बैठकर गिने थे। एसीबी ने जब उनके हाथ धुलाए तो उनके हाथ लाल हो गए। परिवादी गाड़ी में विधायक को रुपए गिना रहा है, घूस की रकम मांगते हुए विधायक के आॅडियो-वीडियो एसीबी के पास हैं।
अवैध खनन पर सवाल पूछे
बाप पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। उनके सवाल संख्या 5998 में उन्होंने टोडाभीम के ग्राम मोरडा, गड़ी, कमलापुर, रजौली, धवान, गुढाचंदजी आदि गांवों में स्थित पहाड़ों में वन भूमि पर अवैध खनन के मुद्दे को उठाया। सरकार इनको रोकने के लिए उठाए गए कदमों का जवाब मांगा। यह भी पूछा कि गांवों में वन्य भूमि एवं पहाड़ों पर कब्जा कर कुछ लोगों ने अवैध फार्म हाउस बना रखे हैं। इन्हें हटाने को लेकर सरकार क्या कर रही है। यह भी पूछा कि इनमें अवैध तरीके से वन्य जीवों को रखा जा रहा है या नहीं। अगर हां तो दोषियों के विरूद्ध सरकार ने क्या कार्यवाही की। हालांकि इसके जवाब में सरकार ने सदन में कुछेक जगहों पर अवैध खनन होना माना। लेकिन फार्म हाऊस नहीं होने और इनमें वन्यजीवों को रखने की बात को भी सहीं नहीं बताया।
दूसरा सवाल 6284 भी उन्होंने टोड़ाभीम के अवैध खनन को लेकर पूछा। जिसमें उन्होंने यहां खनन पट्टों की जानकारी चाही। जिसके जवाब में सरकार ने उन्हें बताया कि विधानसभा क्षेत्र टोडाभीम के ग्राम मोरडा, गडी,कमालपुर राजौली, धवान, गुढाचन्दजी आदि गांवों मे स्थित पहाडो पर विभाग द्वारा चार खनन पट्टे 48.7 हैक्टेयर भूमि पर मंजूर किए हैं। यहां अवैध खनन को लेकर सवाल के जवाब में उन्हे बताया गया कि यहां अवैध खनन की कोई शिकायत नहीं मिली है। सरकार ने उन्हें यह भी बताया कि 29 जुलाई 2024 को यहां मौका जांच करवाई गई जिसमें अवैध खनन और परिवहन नहीं मिला। उन्होंने फिर पुराने सवालों को दोहराया। कहा कि यहां अवैध फार्म हाऊस हैं क्या और इन्हें हटाने सहित यहां वन्य जीवों को रखे जाने को लेकर क्या कार्रवाई की जा रही है। इस पर सकरार ने फिर उन्हें जवाब दिया। कहा कि यहां अवैध फार्म नहीं हैं। वन्यजीवों को ऐसे में रखने का सवाल ही खड़ा नहीं होता है।
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