रोडवेज के पास बसें नहीं, कंडम वाहनों को दौड़ा रहा सड़कों पर, बेड़े में नई बसें शामिल होने पर ही मिलेगी आमजन को सुविधा
1300 बसें खरीदने की तैयारी
कंडम और नई बसों के संचालन का निर्णय उच्च स्तर पर लंबित होने के कारण प्रशासन की विभागीय मजबूरी बनी हुई है।
जयपुर। राजस्थान रोडवेज की कंडम बसें सड़कों पर हादसों को न्यौता दे रही हैं। पुरानी बसों को ही रिपेयरिंग के नाम पर रूटों पर चलाकर यात्रियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके चलते कई रूटों पर बसें बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कंडम बसों को चलाने के पीछे रोडवेज प्रशासन का तर्क यह है कि प्रदेश की जनता को बस सुविधा देने की प्राथमिकता के चलते हमें रिपेयरिंग कर कई रूटों पर बसें चलानी पड़ रही हैं। कंडम और नई बसों के संचालन का निर्णय उच्च स्तर पर लंबित होने के कारण प्रशासन की विभागीय मजबूरी बनी हुई है।
राजस्थान रोडवेज के पास पर्याप्त मात्रा में बसें नही होने के कारण कंडम हुई बसों को सड़क पर दौड़ाया जा रहा है। इसके चलते कभी भी हादसा हो सकता है। राजस्थान रोडवेज वर्तमान में करीब 3100 बसें संचालित कर रहा है। इनमें 825 बसें अनुबंधित है। इनमें से वर्ष 2022-23 में करीब 1100 बसें कंडम हो चुकी है। इसके बावजूद इनकी रिपेयरिंग करवाकर इन्हें रूट पर चलाया जा रहा है। हालांकि इन बसों में से 160 बसें ज्यादा ही कंडम होने पर इन्हें ऑफ रूट भी किया है।
1300 बसें खरीदने की तैयारी
राजस्थान रोडवेज प्रशासन की ओर से 500 नई एक्सप्रस बसें चलाई जाएंगी। इनके टेंडर जारी किए जा चुके है। वहीं बजट में की गई घोषणा के तहत 800 अनुबंधित बसें भी आएंगी, इनमें 300 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। इनकी तैयारियां की जा रही है। इन बसों के आने के बाद रोडवेज प्रशासन कंडम बसों को ऑफ रूट करेगा।
इसलिए चला रहा रोडवेज
रोडवेज के पास वर्तमान में बसें नहीं होने के कारण कंडम बसों को चलाया जा रहा है। वर्ष 2005 से 2010 तक रोडवेज के पास करीब पांच हजार बसें थीं। इन्हें हर गांव से जोड़कर चलाया जाता था। इसके बाद बसों की खरीद कम होने के कारण कई रूटों पर तो बसें बंद भी कर दी थीं, लेकिन यात्रियों को सुविधा देने के लिए रोडवेज इन कंडम बसों की रिपेयरिंग करवाकर रूट पर चला रहा है।
यह नियम
रोडवेज प्रशासन की ओर से बसों के संचालन को लेकर नियम बने हुए हैं। इनमें आठ साल या आठ लाख किलोमीटर जो भी पहले हो, इसके बाद बस को कंडम घोषित कर आॅफ रूट कर दिया जाता है। इसके बाद इन बसों को नीलाम किया जाता है।
राजस्थान रोडवेज के लिए बजट में नई बसों की घोषणा की गई है। जिनके लिए तैयारियां शुरु कर दी गई है।
प्रेमचंद बैरवा,
परिवहन मंत्री

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