इंडसइंड बैंक के बाहर 9 लाख रुपए लूटने वाला छैलू गिरफ्तार : आरोपी के खिलाफ दर्ज है कई मामले, साइबर ठगी के ग्रुप में जुड़ा है
गिरफ्तार कर जेल भेज दिया
पुलिस ने लूट के मामले में चिन्हित छैलू व इसके साथी मोती सिंह, ओम सिंह बना, पूरण सिंह उर्फ पर्बत सिंह की पहचान कर ली। टीम ने जोधपुर, पोकरण जैसलमेर में लगातार दबिश दी।
जयपुर। बजाज नगर थाना पुलिस ने एसएल मार्ग स्थित इंडसइंड बैंक के बाहर 9.55 लाख रुपए की लूट करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से लूटे गए दो लाख रुपए बरामद किए हैं। गिरफ्तार छैलू सिंह लूणी जोधपुर हाल रामेश्वर नगर बासनी भगत की कोठी जोधपुर का रहने वाला है। पुलिस उपायुक्त पूर्व संजीव नैन ने बताया कि 9.55 लाख रुपए की लूट हुई। टीम ने घटना स्थल इंडसइंड बैंक के अन्दर व बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की जांच की। वारदात करवाने वाला मुख्य अभियुक्त छैलू सिंह है, जो अन्तरराज्यीय साइबर ठगी का आरोपी है। इसके खिलाफ गुड़गांव, गाजियाबाद, (अहमदाबाद) गुजरात, जोधपुर में साइबर ठगी के कई मामले दर्ज हैं।
ऐसे आया पकड़ में
पुलिस ने लूट के मामले में चिन्हित छैलू व इसके साथी मोती सिंह, ओम सिंह बना, पूरण सिंह उर्फ पर्बत सिंह की पहचान कर ली। टीम ने जोधपुर, पोकरण जैसलमेर में लगातार दबिश दी। इसी दौरान ही अन्तरराज्यीय साइबर ठगी के गिरोह का सरगना छैलू अपने अन्य साथियों के साथ जोधपुर सिटी में पुलिस नाकाबंदी तोड़ कर भागने का प्रयास किया, तो पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जब जोधपुर जेल से छैलू को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है।
ऐसे की थी वारदात
गिरफ्तार छैलू ऑनलाइन यूएसडीटी का काम करता है और रोकड़ में यूएसडीटी हवाला के माध्यम से खरीदता है। टेलीग्राम एप के माध्यम से एक साइबर ठगी के ग्रुप में जुड़ा है, जिसमें यूएसडीटी खरीदने वाले लोग जुड़े है। जो 30-40 हजार रुपए में खाता नम्बर, चैक बुक, सीम कार्ड और एटीएम कार्ड कोरियर के मार्फत इनके दिए पते पर भिजवाते हैं, जिसमें साइबर फ्रॉडस्टर से पैसा डलवाने के बाद चैक के माध्यम से पैसा रोकड़ करवा देते हैं। उसके बाद उन पैसों से वापस हवाला के माध्यम से यूएसडीटी खरीदते हैं। साइबर ठगी के पैसों को यूएसडीटी के माध्यम से बाहर के विदेश चाइना, कंबोडिया, वियतनाम में भेजते हैं। विदेश चाइना, कंबोडिया, वियतनाम में बैठे व्यक्तियों ने एक टेलीग्राम पर ग्रुप बना रखा है, जिसका नाम इंडियन यूएसडीटी है। यूएसडीटी की खरीद फरोख्त ट्रस्ट नामक ऐप के माध्यम से होती है जो एक चाइनीज एप है। इस पर टैक्स नहीं लगता।

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