सड़कों पर उतरा वाल्मीकि समाज, सफाई व्यवस्था बेपटरी
शहरवासियों से माफी मांगता हुआ भी नजर आया
हड़ताल के चलते शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गई और जगह-जगह कचरे के ढेर लगने शुरू हो गए, हालांकि मामले पर वाल्मीकि समाज इसके लिए शहरवासियों से माफी मांगता हुआ भी नजर आया।
जयपुर। सफाई कर्मचारियों की भर्ती में आरक्षण व्यवस्था लागू करने के विरोध में वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी सड़कों पर उतर आए। हड़ताल तीसरे दिन संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया के नेतृत्व में सफाई कर्मचारियों ने पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया के निवास स्थान तक पांच्यावाला सिरसी रोड पर रैली निकाली। इसके साथ ही किशनपोल जोन में रामगंज बाजार से बड़ी चौपड़ तक, सांगानेर जोन में सीसीएस बस स्टेंड से सांगानेर स्टेडियम तक, मानसरोवर जोन में मुख्य बाजार में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। हड़ताल के चलते शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गई और जगह-जगह कचरे के ढेर लगने शुरू हो गए। हालांकि मामले पर वाल्मीकि समाज इसके लिए शहरवासियों से माफी मांगता हुआ भी नजर आया।
हेरिटेज मुख्यालय पर जनसभा
रैली निकालने के बाद सफाईकर्मियों ने नगर निगम जयपुर हेरिटेज मुख्यालय पर पहुंचकर जनसभा हुई। इस सभा में सभी ने नई विज्ञप्ति जारी होने तक काम नहीं करने का संकल्प लिया। वहीं कर्मचारियों से आह्वान किया कि प्राइवेट सेक्टर में जो भी समाज के लोग सफाई से जुड़े काम कर रहे है उनसे भी काम बंद करने का आह्वान किया।
6 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर
सफाईकर्मी भर्ती विज्ञप्ति निरस्त करने के बाद भी जयपुर शहर में करीब 6 हजार से अधिक सफाईकर्मी हड़ताल पर हैं। इससे चलते ना तो घरों में कचरा संग्रहण के लिए हूपर पहुंच रहे है और ना ही शहर में झाडू निकलने और कचरा उठाने का काम हो रहा है। हालांकि गैर वाल्मीकि अन्य समाजों के सफाईकर्मियों ने शहर में दोगुना मेहनत से सफाई कार्य किया जा रहा हे लेकिन ऐसे कार्मिकों की संख्या कम होने से सफाई व्यवस्था बिगड़ गई है। संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सफाई करना, मैला उठाने का काम वाल्मीकि समाज के अलावा कोई दूसरे समाज के लोग नहीं करते, इसलिए भर्ती में उन्हें ही पहले प्राथमिकता मिलनी चाहिए। अगर भर्ती में कोई समाज का व्यक्ति योग्य नहीं मिलता, तो दूसरे समाज को भर्ती में शामिल किया जाना चाहिए।

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