जलदाय में निविदाओं की न्यूनतम दरें बड़ी चुनौती, समिति का होगा गठन
गुणवत्ता नियंत्रण इकाइयों के अभियंता समय-समय पर निरीक्षण
समिति इस व्यवस्था की समीक्षा कर पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।
जयपुर। राज्य सरकार ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) में निविदा प्रक्रिया के नियमों में संशोधन के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। समिति विभागीय नियमों की समीक्षा कर आवश्यक संशोधनों के सुझाव प्रस्तुत करेगी। विभागीय निर्माण कार्य, बिड एवं जी-शिड्यूल में निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुरूप संपादित कराए जाते हैं। निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित निर्माण इकाइयों के अभियंता एवं गुणवत्ता नियंत्रण इकाइयों के अभियंता समय-समय पर निरीक्षण करते हैं। वर्तमान में विभाग के सभी निर्माण कार्यों की निविदाएं राजस्थान पारदर्शी लोक उपापन नियम 2013 (आरटीपीपी) तथा लोक निर्माण वित्तीय नियमों के प्रावधानों के तहत आमंत्रित और स्वीकृत की जाती हैं।
संवेदक (कॉन्ट्रेक्टर) द्वारा न्यूनतम दर प्रस्तुत किए जाने की स्थिति में अतिरिक्त कार्य संपादन प्रतिभूति (एडिशनल परफॉर्मेंस सिक्योरिटी) लेने का प्रावधान है। यह प्रक्रिया राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता नियम 2013 के नियम 75-ए के तहत लागू है। हालांकि, न्यूनतम दरों की सीमा निर्धारित नहीं होने से कई बार निविदा प्रक्रिया में चुनौतियां सामने आती हैं। समिति इस व्यवस्था की समीक्षा कर पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक सुझाव देगी। इससे विभागीय कार्यों की गुणवत्ता और वित्तीय अनुशासन दोनों को मजबूती मिलेगी।

Comment List