पूर्वी राजस्थान की नहर परियोजना में होगा सवाई माधोपुर और करौली जिलों में बनास नदी पर डूंगरी बांध का निर्माण
स्थानीय निवासियों ने उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग की
सवाई माधोपुर और करौली जिलों में बनास नदी पर प्रस्तावित डूंगरी बांध का निर्माण पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत किया जाएगा
जयपुर। सवाई माधोपुर और करौली जिलों में बनास नदी पर प्रस्तावित डूंगरी बांध का निर्माण पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत किया जाएगा। रणथंभौर और करौली वन्यजीव अभयारण्यों की पहाड़ियों के बीच स्थित यह बांध 1600 मिलियन क्यूबिक मीटर जल संग्रहण क्षमता के साथ बीसलपुर बांध से डेढ़ गुना बड़ा होगा।
जल संसाधन विभाग के अनुसार बांध की ऊंचाई 24.50 मीटर और लंबाई 1500 मीटर प्रस्तावित है, जबकि इसका डूब क्षेत्र 12,000 हेक्टेयर में फैलेगा। इसमें कालीसिंध, पार्वती और मोरल नदियों का पानी भी पहुंचाने की योजना है। वर्तमान में प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के बाद भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो गई है। सवाई माधोपुर और करौली जिलों के 55 गांव डूब क्षेत्र में आएंगे, जहां 8-10 हजार की आबादी विस्थापित होगी। स्थानीय निवासियों ने उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग की है।
डूंगरी बांध के निर्माण से क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई की समस्या का स्थायी समाधान होगा। हालांकि भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया रहेगी। सरकार की ओर से विस्थापितों को उचित पुनर्वास और मुआवजा सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।
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