आजादी से पहले हुआ था दामोदर भवन धर्मशाला का निर्माण
तीन मंजिल की धर्मशाला में बड़ा चौक, उसके अहाते में भगवान शंकर का मंदिर, यात्रियों में सकारात्मक ऊर्जा का करता है सृजन
चांदपोल बाजार के मिश्र राजाजी के रास्ता स्थित श्री दामोदर भवन धर्मशाला में अपना आधार कार्ड दिखाकर बाहर से आने वाला यात्री तीन दिन तक बहुत ही मुनासिब दरों पर ठहर सकता है।
जयपुर। गुलाबी नगरी के तेजी से मेट्रो शहर में तब्दील होने के दौर में देश के अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए धर्मशाला में रुकने का अलग ही आनन्द हैं। सुबह और शाम के समय भगवान शिव के मंदिर से आतीं भजन की स्वर लहरियां माहौल को बेहद खुशनूमा बना देती हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से पूरे भवन को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया है। चांदपोल बाजार के मिश्र राजाजी के रास्ता स्थित श्री दामोदर भवन धर्मशाला में अपना आधार कार्ड दिखाकर बाहर से आने वाला यात्री तीन दिन तक बहुत ही मुनासिब दरों पर ठहर सकता है। मात्र सौ रुपए में पंखे वाला कमरा और दो सौ रुपए में कूलर वाले कमरे में रूकने की सुविधा हैं। तीन मंजिल की धर्मशाला में बड़ा चौक है और उसके अहाते में स्थित भगवान शंकर का मंदिर यात्रियों में सकारात्मक ऊजा का सृजन करता है। यात्री ऊपर बने कमरों तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करता है, लेकिन लिफ्ट के माध्यम से भी जाया जा सकता है।
आजादी से दो साल पहले हुई थी स्थापना
धर्मशाला का निर्माण देश को मिली आजादी 1947 से दो साल पहले 1945 में पूरा हुआ था। धर्मशाला की नींव सेठ दामोदर अग्रवाल पुत्र रामचन्द्र अग्रवाल ने रखी और उसका निर्माण कराया था। धर्मशाला का संचालन भली प्रकार से भविष्य में होता रहे, इसके लिए उन्होंने पांच ट्रस्टी बनाए थे और यह भी ताकीद किया कि समय के साथ ट्रस्टियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इस कारण आज ट्रस्टियों की संख्या 15 है।
धर्मशाला से होने वाली आय धर्मशाला पर ही खर्च
धर्मशाला से होने वाली आय पूरी तरह धर्मशाला के रख-रखाव, उसके विकास पर खर्च की जाती है। पिछले करीब तीन दशकों में धर्मशाला पर करीब 50 लाख से अधिक रुपए खर्च हुए हैं। धर्मशाला के छह कमरे एयरकंडीशन और दस कमरों में अटैच लेट-बाथ बने हुए हैं। धर्मशाला का विधिवत संचालन के लिए एक मैनेजर, चौकीदार सहित अन्य कर्मचारी रखे हुए हैं।
शहर के बीच होने से कहीं भी कर सकते हैं भोजन
शहर के ह्रदय में धर्मशाला होने के कारण यात्री आस-पास कहीं से भी सही दरों पर भोजन और जलपान कर सकते हैं।
समय की धारा के साथ एसी वाले कमरे भी बनवाए।
समय की धारा में बदलाव के साथ ही कुछ कमरों में एसी भी लगवाए गए।
कैसे आते हैं बाहरी राज्यों के यात्री
धर्मशाला की जानकारी वेबसाइट पर होने के कारण दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में यात्री आते रहते हैं। अपेक्षाकृत दर कम होने से यात्रियों से धर्मशाला आमतौर पर फुल रहती है।

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