फिलीपींस को संघर्ष के लिए उकसा रहा चीन, जानें क्या है पूरा मामला ? 

स्कारबोरो शोल के पास अपनी नौसेना और कोस्ट गार्ड को पेट्रोलिंग के लिए भेजा

फिलीपींस को संघर्ष के लिए उकसा रहा चीन, जानें क्या है पूरा मामला ? 

चीन ने स्कारबोरो शोल के पास नौसेना और कोस्ट गार्ड की नई पेट्रोलिंग से फिलीपींस को फिर उकसा दिया है। यह विवादित क्षेत्र दोनों देशों के लिए सामरिक रूप से अहम है। पिछले वर्ष कई संघर्ष हो चुके हैं, जिससे तनाव दोबारा बढ़ने की आशंका है।

शंघाई। चीन एक बार फिर दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस को उकसा रहा है। इसके लिए उसने विवादित स्कारबोरो शोल के पास अपनी नौसेना और कोस्ट गार्ड को पेट्रोलिंग के लिए भेजा है। इस द्वीप समूह पर फिलीपींस भी अपना दावा करता है। पिछले एक साल में इस द्वीप समूह को लेकर दोनों देशों की नौसेना और कोस्टगार्ड्स के बीच कई बार गंभीर संघर्ष हो चुके हैं। ऐसे में चीन की इस नई चाल से दोनों देशों में संघर्ष के फिर से भड़कने का खतरा जताया जा रहा है। चीन की ऑफिशियल न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि चीन की मिलिट्री और कोस्ट गार्ड ने शनिवार को साउथ चाइना सी में स्कारबोरो शोल के आसपास पेट्रोलिंग की ताकि अपनी सॉवरेनिटी, समुद्री अधिकारों और हितों की पूरी तरह से रक्षा की जा सके।

बीजिंग में फिलीपींस एम्बेसी ने कमेंट के लिए रिक्वेस्ट का तुरंत जवाब नहीं दिया। लेकिन, जानकारी के अनुसार, फिलीपींस लगातार चीनी नौसेना की हरकतों पर नजर बनाए हुए है। इसके लिए फिलीपीन नौसेना ने कई युद्धपोतों, जासूसी जहाजों और गश्ती ड्रोन को तैनात किया है। स्कारबोरो शोल दक्षिण चीन सागर में एक विवादित एटोल है, जिस पर चीन, फिलीपींस और ताइवान सभी दावा करते हैं। यह वर्तमान में चीन के वास्तविक नियंत्रण में है। यह जगह यह फिलीपींस के लूजोन द्वीप से लगभग 220 किलोमीटर (120 समुद्री मील) पश्चिम में और चीन के हैनान द्वीप से 800 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है।

सामरिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण 

स्कारबोरो शोल के आसपास का क्षेत्र सामरिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस कारण चीन और फिलीपींस दोनों इस द्वीप समूह पर कब्जे की होड़ में हैं। यह मछलियों का एक समृद्ध स्रोत है, जो स्थानीय मछुआरों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रमुख शिपिंग लेन (समुद्री व्यापार मार्ग) के पास स्थित है, जिससे हर साल 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार होता है। फिलीपींस का तर्क है कि यह शोल संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि  के तहत उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र के 200 समुद्री मील के भीतर आता है। वहीं, चीन ऐतिहासिक अभिलेखों का हवाला देते हुए इस शोल को अपना अंतर्निहित क्षेत्र बताता है, जो युआन राजवंश के समय से हैं।

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 2012 में चीन और फिलीपींस के जहाजों के बीच गतिरोध के बाद, चीन ने इस शोल पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित कर लिया था। स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने 2016 में फैसला सुनाया कि चीन के नाइन-डैश लाइन के भीतर ऐतिहासिक अधिकारों के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है। न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि स्कारबोरो शोल एक चट्टान है और इससे कोई ईईजेड उत्पन्न नहीं होता है, लेकिन दोनों देशों के मछुआरों के पास पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकार हैं। चीन ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।

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