बिलों में 33 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज लगाने की तैयारी
ऊर्जा विभाग एक्सचेंज के तहत लगातार महंगी बिजली खरीद रहा है
करीब पांच इकाइयों में उत्पादन ठप होने के बाद गहराते बिजली संकट से ऊर्जा विभाग एक्सचेंज के तहत लगातार महंगी बिजली खरीद रहा है। इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतान होगा।
जयपुर। करीब पांच इकाइयों में उत्पादन ठप होने के बाद गहराते बिजली संकट से ऊर्जा विभाग एक्सचेंज के तहत लगातार महंगी बिजली खरीद रहा है। इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतान होगा। बिजली कम्पनियां बिजली बिलों में 33 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज लगा सकती हैं। इससे जयपुर डिस्कॉम में 250 करोड़ और तीनों डिस्कॉम में करीब 650 करोड़ रुपए का भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बिजली कम्पनियां बिजली खरीद की सामान्य दर से तीन गुना तक महंगी बिजली खरीद रही हैं। जो बिजली चार से पांच रुपए प्रति यूनिट में मिल जाती थी, वह अभी 12 से 17 रुपए प्रति यूनिट में खरीदी जा रही है। बिजली लोड और डिमांड बढ़ने पर यह रेट 20 से 25 रुपए तक भी पहुंच जाती है। महंगी बिजली खरीदने से राशि के बोझ को कम करने के लिए उपभोक्ताओं पर सरचार्ज लगाकर यह राशि वसूल करने की कवायद जारी है।
हर तीन महीने में फ्यूल सरचार्ज वसूली
पिछली बार की तरह राजस्थान डिस्कॉम इस बार भी 33 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज बिलों में वसूल सकती है। फ्यूल सरचार्ज वसूली हर तीन महीने में होती है। प्रदेश के करीब 1.52 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज की वसूली की जाती है। इनमें 1.19 करोड़ घरेलू उपभोक्ता, 14 लाख कॉमर्शियल उपभोक्ता, साढेÞ तीन लाख औद्योगिक श्रेणी और 15.41 लाख कृषि उपभोक्ता हैं। कृषि उपभोक्ताओं, गरीब, बीपीएल और 50 यूनिट से कम खर्च वाले उपभोक्ताओं का सरचार्ज राज्य सरकार ही वहन करेगी।
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