मानसून से पहले शहरी निकायों को बाढ़ प्रबंधन के निर्देश जारी, 15 सितंबर तक नहीं मिलेगी रोड कट की परमिशन
सभी शहरी निकायों में 24 घंटे के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे
स्वायत्त शासन विभाग ने आगामी मानसून को देखते हुए शहरी स्थानीय निकायों के लिए बाढ़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों के व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं
जयपुर। स्वायत्त शासन विभाग ने आगामी मानसून को देखते हुए शहरी स्थानीय निकायों के लिए बाढ़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों के व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य में मानसून की बारिश के दौरान जन-धन की संभावित हानि को रोकने के लिए सभी शहरी निकायों को तैयारी करने को कहा गया है। साथ ही सभी निकायों को पाबंद किया गया है कि मानसून की बारिश के दौरान 15 सितंबर तक किसी भी रोड कट की परमिशन नहीं दी जाए, केवल विशेष परिस्थिति में कलेक्टर की अनुमति के बाद ही रोड कट के परमिशन जारी की जा सकती है।
नियंत्रण कक्ष की स्थापना:
सभी शहरी निकायों में 24 घंटे के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे, जो अन्य विभागों जैसे पुलिस, नागरिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, और बिजली कंपनियों के साथ समन्वय करेंगे। मानसून पूर्व नालों की सफाई और उन्हें सुरक्षित रूप से ढकने का कार्य प्राथमिकता पर किया जाएगा।नालों में अतिक्रमण पाए जाने पर उन्हें हटाकर पानी के प्रवाह को सुचारू बनाया जाएगा। बरसात से पहले क्षतिग्रस्त सड़कों और नालों की मरम्मत सुनिश्चित की जाएगी।
बाढ़ सुरक्षा सामग्री की व्यवस्था:
बाढ़ प्रबंधन के लिए रेत के भरे हुए कट्टे, जेसीबी, नाव, लाइफ जैकेट, वाटर पंप जैसी सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।अग्निशमन वाहन और करंट से बचाव के उपकरणों को तैयार रखा जाएगा।असुरक्षित भवनों को चिन्हित कर वहां के निवासियों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा। बरसात के बाद सार्वजनिक स्थलों, निचले इलाकों और नालों में जमा कचरे और गंदगी को तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, बिजली की सुरक्षा के लिए ढीले तारों और क्षतिग्रस्त केबल बॉक्स की मरम्मत की जाएगी।जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जन जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार-पत्रों और मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
Comment List