साइबर ठगी में बैंक खाते के बजाय विवादित राशि को करें फ्रीज : हाईकोर्ट
यह राशि उसे सर्विस के बदले अज्ञात व्यक्ति ने दी थी
जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश कल्याण मोटर्स की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि साइबर ठगी के मामले में उपभोक्ता के पूरे बैंक खाते को फ्रीज करने के बजाए खाते में आई विवादित राशि को ही फ्रीज किया जाना चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने आईसीआईसीआई बैंक को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता के बैंक खाते को डीफ्रीज करे और सिर्फ खाते में आए विवादित 55,141 रुपए की फ्रीज करें। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता जांच में बैंक और अनुसंधान अधिकारी का सहयोग करें। वहीं जांच लंबित रहने के दौरान खाते को बंद भी नहीं किया जाए। जस्टिस अनूप कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश कल्याण मोटर्स की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता भूपेन्द्र पारीक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वाहन बेचने और उनकी सर्विस करने वाली फर्म है। याचिकाकर्ता ने पिछले साल दो वाहनों की सर्विस की थी जिसके बदले वाहन मालिक ने उसके खाते में 55,141 रुपए का भुगतान किया था। वहीं गत जनवरी माह में बैंक ने पश्चिम बंगाल पुलिस की शिकायत पर उसके चालू खाते को यह कहते हुए फ्रीज कर दिया कि 55,141 रुपए की राशि साइबर ठगी से होते हुए पांचवें बैंक खाते से उसे मिली है। याचिका में कहा गया कि यह राशि उसे सर्विस के बदले अज्ञात व्यक्ति ने दी थी। उसे साइबर ठगी की कोई जानकारी भी नहीं है।

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