एक जून से अब तक प्रदेश में सामान्य से 126 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर भी इस बार एक साथ सक्रिय हैं

अरब सागर से लगातार नमी का सप्लाई होना भी है भारी बारिश की बड़ी वजह 

एक जून से अब तक प्रदेश में सामान्य से 126 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर भी इस बार एक साथ सक्रिय हैं

प्रदेश में बारिश का पैटर्न बदला, इस बार समय से पहले मानसून की एंट्री बंगाल की खाड़ी में बैक टू बैक बने मानसूनी तंत्र से हो रही भारी बारिश

जयपुर। प्रदेश में इस बार मानसून जमकर अपनी मेहरबानी दिखा रहा है। जून-जुलाई में ही इस बार बारिश का पूरे मानसून सीजन का कोटा लगभग पूरा हो गया है जबकि अभी जुलाई के 10 दिन और अगस्त माह की बारिश तो बाकी है। भारी बारिश के कारण प्रदेश के बांधों में भी पानी की भरपूर आवक हो रही है। कई छोटे बड़े बांध लबालब हो चुके हैं। इस बार प्रदेश में अभी से ही हो रही भारी बारिश की कई वजह हैं। इनमें सबसे बड़ी वजह मानसून का प्रदेश में समय से पहले प्रवेश करना और शुरुआती दौर से ही मानसूनी तंत्र का प्रदेश में एक्टिव रहना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल में सामान्य से 4 दिन पहले पहुंचा, जिसने राजस्थान में भी जल्दी दस्तक दी। मानसून की प्रदेश में प्रवेश की सामान्य तारीख 20-25 जून है लेकिन इस बार समय से पहले लगभग 18 जून के आसपास मानसून ने प्रवेश कर लिया। वहीं बंगाल की खाड़ी में मानसून की शुरुआत से ही बैक टू बैक मानसूनी तंत्र का बनना, प्रशांत महासागर की कंडीशन, समुद्र के पानी का तापमान आदि फैक्टर भी इस बार मानसून के अनुकूल रहे और इसके प्रभावी होने के साथ भारी बारिश के बड़े कारण बने। मानसून की दोनों शाखाएं अरब सागर और बंगाल की खाड़ी इस बार एकसाथ सक्रिय रहीं, जिसके परिणामस्वरूप जून में ही भारी बारिश हुई जो जुलाई में भी जारी है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अगस्त में भी इस बार अच्छी बारिश के आसार हैं।

पूर्वी राजस्थान में रहा ज्यादा जोर
पूर्वी राजस्थान में अब तक भारी बारिश का सबसे ज्यादा जोर रहा है। इसके असर से कोटा, उदयपुर, भरतपुर सहित कुछ जिलों में भारी बारिश का जोर अधिक रहा क्योंकि यह क्षेत्र मानसून की ट्रफ लाइन और नमी के प्रवाह के लिए अनुकूल है। पश्चिमी राजस्थान बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर में बारिश अपेक्षाकृत कम रही लेकिन फिर भी सामान्य से अधिक थी।जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में कोटा, बारां, भीलवाड़ा, धौलपुर में सामान्य से 200 से 300 प्रतिशत तक अधिक बारिश दर्ज की गई है।

इ स बार समय से पहले मानसून आया है और शुरुआत से ही मानसून एक्टिव रहा है। बंगाल की खाड़ी में बैक टू बैक मानसूनी तंत्र के बनने और अरब सागर से नमी लगातार बनी रहने से प्रदेश में भारी बारिश हो रही है। आगे भी जैसे जैसे नए सिस्टम एक्टिव होंगे वैसे वैसे बीच बीच में भारी बारिश का चक्र बन सकता है। 
-राधेश्याम शर्मा, निदेशक, मौसम विभाग केन्द्र जयपुर।

सामान्य से दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है बारिश
मौसम विभाग केन्द्र जयपुर से मिली जानकारी के अनुसार सामान्य तौर पर प्रदेश में एक जून से अब तक 144 एमएम बारिश होती है लेकिन इस साल एक जून से लेकर अब तक प्रदेश में 325 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है जो कि प्रदेश में होने वाली सामान्य बारिश से 126 फीसदी से भी ज्यादा है। यानी अब तक प्रदेश में सामान्य बारिश से दोगुनी से भी ज्यादा बारिश हो चुकी है। 

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