स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने ली समीक्षा बैठक

शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रमों को व्यावहारिक बनाने के निर्देश

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने ली समीक्षा बैठक

शिक्षा सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि विभाग के तहत जिन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की थीम और उद्देश्य एक जैसे है, उनको 'क्लब' किया जाए।

जयपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने विभागीय अधिकारियों को शैक्षणिक सत्र के दौरान संचालित किए जाने वाले शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रमों को व्यवहारिक बनाने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा संकुल में आज आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए  जैन ने कहा कि टीचर्स ट्रेनिंग कार्यक्रमों की संख्या, समयावधि और टाइमलाइन की समीक्षा कर ऐसा कैलेंडर तैयार करें, जिससे इनमें उपयोग में आने वाले दिनों की संख्या कम हो, और इस बचे हुए समय का सदुपयोग कक्षाओं में अध्ययन-अध्यापन को प्रभावी बनाने में किया जा सके।

शिक्षा सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि विभाग के तहत जिन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की थीम और उद्देश्य एक जैसे है, उनको 'क्लब' किया जाए, वहीं कुछ प्रशिक्षण एवं अभियानों की गतिविधियां ऐसी है, जिनका संचालन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा राज्य के स्कूलों में ही किया जाता है, इनके बेहतर क्रियान्वयन से सभी स्कूलों के विद्यार्थियों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के लिए इन विभागों से समन्वय करे और साझा अभियान चलाएं। उन्होंने इसके लिए स्कूलों में समावेशी शिक्षा के तहत थैरेपीयूटिक सर्विस प्रोग्राम एवं नेशनल हेल्थ मिशन के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएस) की गतिविधियों को ‘क्लब‘ करके स्कूलों में संयुक्त अभियान चलाने के लिए आरबीएस के कोऑर्डिनेटर और शिक्षा विभाग में इंक्लूसिव एजुकेशन के स्पेशल टीचर्स की संयुक्त बैठक दोनों विभागों के समन्वय से आयोजित करने की दिशा में कार्य करने को कहा। इसके अलावा स्कूलों में जीवन कौशल विकास के तहत मादक पदार्थों के निषेध के लिए शिक्षा विभाग की गतिविधियों को नेशनल मेंटल हैल्थ प्रोग्राम एवं नेशनल टोबाको कंट्रोल प्रोग्राम जैसे अभियानों से जोड़ने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से ‘कोर्डिनेट‘ कर ठोस प्लान बनाने के भी निर्देश दिए।

जैन ने कहा कि जिन स्कूलों में किसी विषय के टीचर्स नहीं है, वहां प्राथमिकता के आधार पर 'स्मार्ट क्लासेज' का संचालन सुनिश्चित हो, इसके लिए स्मार्ट टीवी और हार्ड ड्राइव में टीचिंग लर्निंग मैटेरियल विद्यालयों को समय पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने आगामी अगस्त से दिसम्बर माह के बीच सभी स्कूलों में बालिकाओं को ‘गुड-टच‘ और ‘बैड-टच‘ का प्रशिक्षण देने के लिए इस विषय पर टीचर्स का ट्रेनिंग शेड्यूल बनाने के लिए विशेष तौर पर निर्देश दिए। इसके अलावा बालिका सुरक्षा के लिए ‘रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण‘ के लिए छात्राओं को दी जाने वाली ट्रेनिंग के बाद श्रेष्ठ बालिकाओं के बीच राज्य स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की विशिष्ट शासन सचिव चित्रा गुप्ता, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव के अलावा स्कूल शिक्षा परिषद, शिक्षा विभाग, साक्षरता एवं सतत शिक्षा तथा अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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