"हाथ की सफाई" बनाम "हाथ की मेहनत" में स्पष्ट अंतर है, ईमानदारी से की गई मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता : भजनलाल शर्मा 

भामाशाह जैसे महादानी इसका जीवंत उदाहरण

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दान की परंपरा अत्यंत महत्वपूर्ण रही है और भामाशाह जैसे महादानी इसका जीवंत उदाहरण हैं

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दान की परंपरा अत्यंत महत्वपूर्ण रही है और भामाशाह जैसे महादानी इसका जीवंत उदाहरण हैं। वे शनिवार को जवाहर नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में आयोजित 29वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि "5 साल बनाम डेढ़ साल" की सोच और "हाथ की सफाई" बनाम "हाथ की मेहनत" में स्पष्ट अंतर है। ईमानदारी से की गई मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। भामाशाह सम्मान जैसे आयोजनों के माध्यम से समाज में सेवा और योगदान देने वालों को प्रोत्साहन मिलता है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले भामाशाहों को सम्मानित किया और उनके सामाजिक उत्तरदायित्व की सराहना की।

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