9 साल से लापता हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान का सर्टिफिकेट

हर प्रदेशवासी का सिर गर्व से ऊंचा हुआ

 9 साल से लापता हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान का सर्टिफिकेट

प्रदेश के 6 हिल फोर्ट्स को सन 2013 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स की सूची शामिल किया था, जिससे हर प्रदेशवासी का सिर गर्व से ऊंचा हुआ।

जयपुर। प्रदेश के 6 हिल फोर्ट्स को सन 2013 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स की सूची शामिल किया था, जिससे हर प्रदेशवासी का सिर गर्व से ऊंचा हुआ। विभाग को न तो इस संबंध में जारी प्रमाण पत्र की जानकारी है और ना ही उसकी कॉपी मौजूद है। एक आरटीआई कार्यकर्ता महेश पारीक ने हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान के सर्टिफिकेट के संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जानकारी मांगी तो यह खुलासा हुआ है।

यूनेस्को की सूची में शामिल होने के बाद में मिला मुख्य प्रमाण पत्र कहा हैं, इसकी जानकारी ना तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास है और ना ही राजस्थान के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के पास। कमाल की बात तो यह है कि करीब 9 साल में दोनों विभागों के पास इसकी सूचना ही नहीं है।

विभाग ने माना सर्टिफिकेट तो मिला, लेकिन कहां है, जानकारी नहीं
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई विभाग) का कहना है कि ‘हिल फोर्ट्स आॅफ राजस्थान’ को लेकर यूनेस्को ने प्रमाण पत्र जारी किया था, लेकिन उसे यह ताज कब मिला, इसकी जानकारी उनके पास नहीं है। एएसआई के विश्व धरोहर अनुभाग इसका लेखा जोखा रखता है, लेकिन उनको ही पता नहीं है कि इसका प्रमाण पत्र कहा है। डब्ल्यूएचएस अनुभाग का कहना है कि सर्टिफिकेट से संबंधित सूचना इस कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।

सूचना सृजित नहीं
पुरातत्व विभाग से आरटीआई के जरिए जो जवाब मिला है वह भी बड़ा हैरानी करने वाला है। विभाग का कहना है कि यूनेस्को की ओर से जारी किए गए प्रमाण पत्र की जानकारी उन्हें नहीं है। साथ ही इस संबंध में कोई सूचना विभाग में सृजित नहीं है।

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पास तो हुए, लेकिन सर्टिफिकेट नहीं
अपनी विशेषता के बल पर प्रदेश के 6 किलों को यूनेस्को ने परीक्षा में पास कर वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स की लिस्ट में शामिल कर प्रमाण पत्र जारी किया, लेकिन पास होने के बावजूद भी इन किलों के पास सर्टिफिकेट नहीं है।

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ये किले हुए थे लिस्ट में शामिल
मई, 2013 में प्रदेश के आमेर महल, गागरौन का किला, रणथम्भौर किला, कुंभलगढ़ किला, चित्तौड़गढ़ किला और जैसलमेर के किले को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स में शामिल किया था। इसमें आमेर महल और गागरौन का किला पुरातत्व विभाग एवं अन्य चार फोर्ट्स भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन आते हैं।


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