अमृत-2 पर कितने गंभीर : 183 शहरों में पीने के पानी का संकट, तकनीकी प्रक्रियाओं से जूझ रही 128 करोड़ की आबादी
देरी का मुख्य कारण माना जा रहा है
एसएचपीएससी से पिलानी की संशोधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति राशि 35.58 करोड़ जारी की। नगर निकाय विद्या विहार की निविदा पिलानी की संशोधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के अधीन लंबित है।
जयपुर। प्रदेश के 183 शहरों में नल के पानी का इंतजार कर रही 128 करोड़ से अधिक आबादी को अभी और इंतजार करना होगा। इन शहरों में पेयजल आपूर्ति के लिए स्वीकृत योजनाएं तकनीकी प्रक्रिया में चल रही है अर्थात अमृत-2 के तहत 183 में से अभी 75 शहरों की 23 निविदाओं में ही कार्यादेश जारी हो सके हैं, जबकि शेष शहरों के लिए अभी प्रक्रिया जारी है। जयपुर ग्रेटर, कोटा नोर्थ एवं धौलपुर के लिए तो अभी तकनीकी बिड़ ही नहीं खोली गई है। केन्द्र ने पांच साल पहले ही मिशन के तहत परियोजनाएं स्वीकृत कर दी थी, लेकिन डीपीआर तैयार नहीं होने के कारण स्कीम पटरी पर नहीं आ सकी। मिशन का काम विभागों में भी बार-बार ट्रांसफर होता रहा, जो देरी का मुख्य कारण माना जा रहा है।
5 शहरों की योजना निरस्त
183 निकायों में से 5 नगर निकायों टोंक, लक्ष्मणगढ़, खेतड़ी, भादरा एवं थानागाजी में पेयजल संबंधी कार्य अन्य योजना अन्तर्गत स्वीकृत होने के कारण अमृत-2 के अन्तर्गत प्राप्त स्वीकृति निरस्त की गई है तथा नगर निकाय अलवर शहर के लिए विश्वसनीय स्रोत का निर्धारण प्रक्रियाधीन है।
5 साल के लिए मिशन
अमृत-2 एक अक्टूबर 2021 को पांच साल के लिए अर्थात वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिए शुरू किया गया। इसके तहत सभी शहरों में नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति करना शामिल है। मिशन के तहत राज्य के 183 शहरों में पेयजल के लिए डीपीआर तैयार कर योजनाओं की क्रियान्विति की जानी थी, लेकिन पांच साल तक काम नहीं हो सका।
अमृत-2 की वर्तमान स्थिति
निविदा आमंत्रित
55 निविदाएं (175 नगरीय निकाय)
तकनीकी बिड़ खोली गई
52 निविदाएं (169 नगर निकाय)
वित्तीय बिड़ खोली गई
49 निविदाएं (160 नगर निकाय)
कार्यादेश:- 23 निविदाएं (75 नगर निकाय)
ये समयबद्ध कार्यक्रम तय
अब मिशन को पटरी पर लाने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तय किया गया है। इसमें 126 नगर निकायों के लिए 38 निविदाएं 30 जून 2025, 160 नगर निकाय के लिए 48 निविदाएं 15 जुलाई 2025 और 175 नगर निकाय के लिए 55 निविदाएं 31 जुलाई 2025 तक का समय तय किया गया है। एसएचपीएससी से पिलानी की संशोधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति राशि 35.58 करोड़ जारी की। नगर निकाय विद्या विहार की निविदा पिलानी की संशोधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के अधीन लंबित है।
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