टेक्नोलॉजी और स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों की नींद नहीं हो रही पूरी

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है

टेक्नोलॉजी और स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों की नींद नहीं हो रही पूरी

टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों असर बच्चों पर पड़ रहा है। एक ओर जहां डिजिटल टेक्नोलॉजी मोबाइल, इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि से बच्चों का ज्ञान बढ़ता है।

जयपुर। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों असर बच्चों पर पड़ रहा है। एक ओर जहां डिजिटल टेक्नोलॉजी मोबाइल, इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि से बच्चों का ज्ञान बढ़ता है। इसके जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। कोरोना काल ने इसमें आग में घी का काम किया है। इस दौरान बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ा है। पहले जब मोबाइल, इंटरनेट नहीं थे, तब बच्चे लाइब्रेरी में जाकर पुस्तकें पढ़ना, आपस में नॉलेज शेयर करना, अध्यापकों और सहपाठियों से संवाद बनाए रखना आदि कुछ ऐसे काम थे, जो विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होते थे।

आउटडोर गेम्स शारिरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखते थे। अब बच्चों की जीवनशैली खासकर कोरोना काल के बाद से बिल्कुल बदल गई है। घंटों आॅनलाइन क्लासेज, देर रात तक मोबाइल, इंटरनेट का इस्तेमाल करने से बच्चे अब रात 12 बजे बाद ही सो रहे हैं। ऐसे में उन्हें बमुश्किल छह घंटे की ही नींद मिल पाती है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए घातक है।

माता-पिता को होना पड़ेगा जागरूक
परिवार में भी गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल से आपसी संवाद काफी हद तक प्रभावित हुआ है। परिवार के सदस्यों के बीच इमोशंस कम हुए हैं। ऐसे में अभिभावकों को सख्त और जागरूक होकर बच्चों को जरूरत से ज्यादा मोबाइल और इंटरनेट के इस्तेमाल से दूर रखना होगा।

देर से सोने और जल्दी उठने के नुकसान
 - शरीर में सुस्ती, थकान, एकाग्रता में कमी।
- चिड़चिड़ापन, याददाश्त में दिक्कत, निर्णय लेने की क्षमता का प्रभावित होना।
 - लंबे समय तक समस्या रहने पर एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसी बीमारियों की संभावना बनती है।
- कुछ सकारात्मक सुझाव
 - बच्चों की दिनचर्या निर्धारित करें।
 - बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं।
-  बच्चों के साथ बातचीत करें और उनकी भावनाओं को समझे। 1
-  बच्चों को आउटडोर गेम्स के लिए प्रोत्साहित करें।
-  बच्चों को दोस्तों के साथ वक्त बिताने के लिए कहें।
- टेक्नोलॉजी के प्रभाव और दुष्प्रभाव के बारें में बताएं।

Read More आखिर क्यों कांग्रेस नेता शशि थरुर ने ठुकराया ‘वीर सावरकर अवॉर्ड’? बताई चौकाने वाली वजह

मोबाइल और इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। इनके सर्वांगिण विकास के लिए आठ घंटे की नींद के साथ दिनभर में एक से दो घंटे की फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है। इससे स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- डॉ. आरके गुप्ता, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, जेकेलोन अस्पताल

Read More नई दिल्ली-साबरमती आरक्षित स्पेशल रेलसेवा का संचालन, जानें समयसारणी

- डिजिटल युग में मोबाइल और इंटरनेट के बच्चे आदि हो गए हैं। देर रात तक गेजेट्स का उपयोग करना और सुबह स्कूल जाने के लिए जल्दी उठने से बच्चों की नींद पूरी नहीं होती है। ऐसे में बच्चे अवसाद के शिकार हो रहे हैं।
- डॉ. अखिलेश जैन, मनोरोग विभागाध्यक्ष, ईएसआई मॉडल हॉस्पिटल

Read More गुजरात में 6 साल की बच्ची से दरिंदगी : रेप में नाकाम रहने पर गुप्तांग में डाली रॉड, आरोपी गिरफ्तार

Post Comment

Comment List

Latest News

पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़ पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़
ब्राजील के गुआइबा शहर में सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान लगभग...
नेशनल हेराल्ड मामला: अदालत ने गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने से किया इनकार
UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
सोनिया गांधी ने उठाया संसद में महिला कर्मियों का मुद्दा, मानदेय बढाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग की
ग्लोबल वायदा बाजार की नरमी के असर : दोनों कीमती धातुओं में गिरावट, जानें क्या है भाव
विपक्ष के विरोध के बीच "बीमा विधि संशोधन विधेयक-2025" लोकसभा में पेश