जयपुर रूमेटोलॉजी 2025 का आयोजन : पुरुषों में तेजी से बढ़ रहा कमर का गठिया
मरीजों के हिसाब से मेडिसिन तैयार कर दे रहे इलाज
कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. राहुल जैन ने बताया कि रूमेटोलॉजी में आई नई दवाओं और डायग्नोसिस की नई तकनीकों की जानकारियां आपस में साझा करने के लिए यह कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।
जयपुर। युवाओं, खासतौर पर पुरुषों में कमर का गठिया (एंकालूजिंग स्पॉन्डलाइटिस) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका इलाज न होने पर मरीज की कमर झुक जाती है और वह सामान्य जीवनचर्या नहीं जी पाता है। अगर मां या पिता में से किसी एक को भी यह समस्या है तो बच्चों में इसके होने की सम्भावना 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। रविवार को आयोजित ‘जयपुर रूमेटोलॉजी 2025’ के देशभर से आए 150 से अधिक एक्सपर्ट्स ने कुछ ऐसी ही जानकारी साझा की। कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. राहुल जैन ने बताया कि रूमेटोलॉजी में आई नई दवाओं और डायग्नोसिस की नई तकनीकों की जानकारियां आपस में साझा करने के लिए यह कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।
इस मौके पर राजस्थान समेत केरल, दिल्ली, गुरुग्राम, पुणे समेत अन्य शहरों से आए एक्सपर्ट्स ने अलग-अलग सेशन में अपनी रिसर्च साझा की। डॉ. भरत सिंह ने बताया कि डॉ. लेफ्टिनेंट जनरल वेद चतुर्वेदी ने स्पाइन का आर्थराइटिस (एंकालूजिंग स्पॉन्डलाइटिस) डॉ. सिद्धार्थ दास ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के मेडिकल मैनेजमेंट, डॉ. विवेक वासुदेव ने गाउट आर्थराइटिस पर सेशन दिया।
मरीजों के हिसाब से मेडिसिन तैयार कर दे रहे इलाज, मिल रहे बेहतर परिणाम
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के डॉ. लेफ्टिनेंट जनरल वेद चतुर्वेदी ने बताया कि देश में हर 10 हजार लोगों में से 7 से 9 लोगों को यह समस्या हो रही है। इसमें मरीज की कमर के हिस्से की रीढ़ की हड्डियां आपस में चिपक जाती हैं और मूवमेंट नहीं हो पाती। इसके इलाज में अब नई प्रकार की बायोलॉजिक्स दवाएं आ गई हैं। इन्हें अलग-अलग मरीज के हिसाब से पर्सनलाइज्ड मेडिसिन तैयार करके दी जा रही हैं जिसके परिणाम कहीं बेहतर हो गए हैं।

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