किशनगंज-शाहबाद विधानसभा: सहरिया, मीणा समुदाय के दो परिवारों का रहा दबदबा
पिछले पांच चुनाव से सत्ता परिवर्तन की परंपरा
वर्ष 2008 से 2013 में पूर्व विधायक हीरालाल सहरिया की बेटी कांग्रेस विधायक निर्मला सहारिया ने भाजपा के हेमराज मीणा को हराकर किशनगंज विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।
किशनगंज। बारां जिले की किशनगंज-शाहबाद विधानसभा संख्या 194 की बात करें तो यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल होने के साथ ही अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। इस सीट पर सहरिया और मीणा समुदाय के दो परिवारों का दबदबा रहा है।
यहां कांग्रेस से वरिष्ठ नेता रहे स्व. हीरालाल सहरिया जो वर्ष 1985,1993 और 1998 में तीन बार विधायक रहे। इनकी बेटी निर्मला सहरिया दो बार विधायक रही। वही भाजपा से वर्तमान में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज मीणा दो बार विधायक रहे। एक बार हेमराज का पुत्र ललित मीणा विधायक बने। इस विधानसभा सीट पर इस बार एक बार फिर सहरिया और मीणा के बीच रोचक मुकाबला होगा। मैदान में कांग्रेस की निर्मला सहरिया के सामने भाजपा के ललित मीणा मैदान में है। एक बार फिर सहरिया और मीणा समुदाय के बीच उम्मीदवारों के बीच रोचक मुकाबला होगा।
2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 308925 है। यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है.जिसमे सहरिया मतदाता सबसे ज्यादा है। कुल आबादी का 37.27 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 13.65 फीसदी अनुसूचित जाति हैं। 2017 की वोटर लिस्ट के अनुसार किशनगंज में मतदाताओं की संख्या 190213 है और 239 पोलिंग बूथ हैं। 2013 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 78.48 फीसदी मतदान हुआ था। कांग्रेस को निर्मला सहरिया ने बीजेपी के ललित मीणा को 14 हजार 136 मतों के अंतर से हराया था।
किशनगंज विधानसभा सीट का इतिहास
किशनगंज विधानसभा की इस सीट पर चुनाव परिणामों पर नजर डाले तो वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ के एन लाल, 1972 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रामगोपाल,1977 में जनता पार्टी से नारंगी देवी,1980 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हर सहाय मीना,1985 में निर्दलीय हीरालाल सहरिया,1990 में भारतीय जनता पार्टी से हेमराज मीना,1993 में निर्दलीय हीरालाल सहरिया, 1998 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हीरालाल सहरिया,2003 में निर्दलीय हेमराज मीना, 2008 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निर्मला सहरिया,2013 में भारतीय जनता पार्टी से ललित मीना, 2018 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निर्मला सहरिया जीत हासिल की। वर्ष 2008 से 2013 में पूर्व विधायक हीरालाल सहरिया की बेटी कांग्रेस विधायक निर्मला सहारिया ने भाजपा के हेमराज मीणा को हराकर किशनगंज विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। 2013 से 2018 में भाजपा ने पूर्व विधायक हेमराज मीणा के पुत्र ललित मीणा को मैदान में उतारा। युवा नेता ललित ने पूर्व विधायक निर्मला सहरिया की मां चतरी बाई सहरिया को हराकर पहली बार विधानसभा चुनाव जीता। वर्ष 2018 से 2023 में भाजपा के ललित मीणा को हराकर कांग्रेस से वर्तमान विधायक निर्मला सहरिया दोबारा विधानसभा पहुंची।
बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या, पलायन को मजबूर ग्रामीण
किशनगंज शाहबाद विधानसभा क्षेत्र बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। क्षेत्र में रोजगार के कोई विकल्प मौजूद नही है। खेती किसानी के अलावा,क्षेत्र के नदी,नालों में लोग अवैध खनन करने को मजबूर है तो शिक्षा पाने, रोजगार की तलाश लोगों को पलायन करने को मजबूर कर रहा है। संसाधनों की कमी से जूझ रही विधानसभा क्षेत्र में हर गांव ढाणी में समस्याएं व्याप्त है।
क्षेत्र की विशेषता
किशनगंज क्षेत्र में विश्व पटल पर पहचान बना रामगढ़ केटर है। जो कि देश का तीसरा,राजस्थान का पहला केटर है। दुनियाभर के क्रेटरों को मान्यता देनी वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था अर्थ इम्पैक्ट डाटा बेस सोसायटी आॅफ कनाडा ने रामगढ़ की रिंग आकार वाली पहाड़ी संरचना को करीब 200 वर्ष बाद विश्व के 200वें क्रेटर के रूप में संवैधानिक मान्यता प्रदान है रामगढ़ केटर बारां जिला विश्व के मानचित्र पर उभर आया है.वहीं, जीएसआई ने इसे इको टयूरिज्म की वेबसाइट में स्थान दिया है। साथ ही अन्नपूर्णा कृष्णाई माता मंदिर,भंडदेवरा शिवालय, चारखंभा छतरी, सीताबाड़ी आदिवासी कुम्भ, नाहरगढ़, शाहबाद किला क्षेत्र की अनूठी पहचान है। बारां जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर स्थित रामगढ़ केटर पहाड़ी में 260 मीटर ऊंची पहाड़ी की चोटी पर अन्नपूर्णा-कृष्णाई माता का मंदिर स्थित है। पहाड़ी की तलहटी में 10वीं शताब्दी के शिवमंदिर (भंडदेवरा) बने हुए हैं। यहां पुष्कर सरोवर के नाम से तालाब स्थित है। इससे माताजी के स्थान का दृश्य और मनोहारी हो जाता है। इसके अलावा किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में विलासगढ़ चार खंभा छतरी,बासथुनी प्राचीन शिवालय, कपिलधारा, आदिवासियों का कुम्भ स्थल सीताबाड़ी, नाहरगढ़, शाहबाद किला ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल होने किशनगंज विधानसभा अपनी अलग पहचान रखती है।
क्षे त्र में बिजली,पानी, चिकित्सा संबंधी समस्याओं को तत्परता से पूरी करेंगे। क्षेत्र को टीएसपी क्षेत्र में शामिल करने प्रयास किया जाएगा। क्षेत्र में अवैध शराब सट्टा अवैध खनन जैसे धंधे हो रहे हैं। कानून व्यवस्था चौपट हो रही है। वसुंधरा राजे सरकार के समय कुपोषण से पीड़ित बच्चों के लिए चिकित्सा व्यवस्था टीएमसी वार्ड खोले गए थे जिनको कांग्रेस सरकार में बंद कर दिया। क्षेत्र में लंबित अहमदी, हतियादह सिंचाई परियोजना को पूर्ण करना प्राथमिकता रहेगा।
-ललित मीणा, भाजपा प्रत्याशी
क्षेत्र को टीएसपी का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। क्षेत्र में रोजगार के संसाधन विकसित करने लिए प्रयास,क्षेत्र के सुदूर क्षेत्र में शेष रही पुलियाओं का निर्माण करवाना प्राथमिकता,अशोक गहलोत सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचना।
-निर्मला सहरिया, मौजूदा विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी
क्षे त्र में विधायक द्वारा पांच वर्षों में कोई विकास कार्य नही करवाया गया। क्षेत्र को कोई बड़ा प्रोजेक्ट नही मिला। भ्रष्टाचार,मिलीभगत से क्षेत्र में जो सड़कें बनी वह चंद महीने में ही उखड़ गई।
-भानुप्रताप सिंह हाडा, भाजपा कार्यकर्ता, किशनगंज
क्षेत्रीय विधायक निर्मला सहरिया द्वारा विकाश कार्यों की अनेक सौगतें दी जिसमे,किशनगंज से मांगरोल सड़क चौड़ीकरण, रेलावन उपतहसील बनाना,जलवाड़ा बरना स्टेट हाइवे पर बड़ी पुलिया का निर्माण,नाहरगढ़ में आईटीआई,पीजी कॉलेज,शाहबाद में कन्या महाविद्यालय, किशनगंज में आयुष चिकित्सालय, विधानसभा के कस्बों में सीसी सड़क का निर्माण, जेतपुरा से सिरसोद स्टेट हाइवे सहित क्षेत्र का चहुमुखी विकास हुआ है।
-अजीज नाजा, कांग्रेस कार्यकर्ता, किशनगंज
किशनगंज शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए क्षेत्रीय विधायक ने चुनाव से पहले व जीत के बाद क्षेत्र की जनता से टीएसपी का दर्जा दिलाने का वचन दिया था। टीएसपी संघर्ष समिति के लंबे आंदोलन के बाबजूद विधायक वचन पूरा नही कर पाई।
-इंद्रजीत शक्यवाल, उपाध्यक्ष टीएसपी संघर्ष समिति

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