जलदाय विभाग की देरी उपभोक्ताओं पर भारी, छह महीनों से पानी के बिल उपभोक्ताओं को नहीं गए बांटे
शहर के करीब साढ़े पांच लाख उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा
जलदाय विभाग की ओर से शहर में करीब छह महीनों से पानी के बिल उपभोक्ताओं को बांटे ही नहीं गए।
जयपुर। जलदाय विभाग की ओर से शहर में करीब छह महीनों से पानी के बिल उपभोक्ताओं को बांटे ही नहीं गए। अब इसका खामियाजा शहर के करीब साढ़े पांच लाख उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। राजधानी जयपुर में करीब छह माह बाद पानी के बिलों का वितरण फिर से शुरू किया गया है। ऐसे में उपभोक्ताओं को जून, जुलाई, अगस्त और सितम्बर महीने के बिल भेजे ही नहीं गए। ये बिल अब फरवरी माह में भेजे जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर अचानक से चार महीने के बिल की भारी भरकम राशि का आर्थिक बोझ पड़ गया है और उपभोक्ता इन बिलों को एक साथ जमा कराने पर मजबूर हैं। हालांकि जलदाय विभाग ने सहूलियत के तहत एक साथ चार माह का बिल देने की व्यवस्था की है। इस पर कोई पैनल्टी भी नहीं लगाई है, लेकिन इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है। अब उन्हें एक साथ तीन से चार हजार रुपए या इससे ज्यादा की राशि चुकानी पड़ रही है। आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्हें बिल की राशि किस्तों में जमा करने की सुविधा दी जाए, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम हो सकें।
मार्च में फिर वसूलेंगे चार महीने का बिल :
जलदाय विभाग की ओर से उपभोक्ताओं मई 2024 के बाद पानी के बिल भेजे ही नहीं गए। बिलिंग व्यवस्था ठप होने से उपभोक्ताओं को बिलों का वितरण नहीं हो पाया। ऐसे में अब फरवरी 2025 में जाकर बिलों का वितरण शुरू किया गया है और पिछले साल के बिलों की वसूली की जा रही है। मार्च माह में अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर 2024 के साथ ही जनवरी 2025 सहित चार महीने के बिल एक साथ भेजे जाएंगे। जिससे अगले महीने फिर से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। इससे शहर के उपभोक्ताओं में खासी नाराजगी है।
इनका कहना हैं...
काफी समय से पानी का बिल नहीं आ रहा था। अब चार महीने का बिल अचानक एक साथ आ गया है, ऐसे में घर का बजट गड़बड़ा गया है। जमा नहीं कराया तो कनेक्शन कटने का भी डर सता रहा है।
-उम्मेद खान, निवासी झोटवाड़ा।
किन्हीं कारणों से पिछले कुछ समय से उपभोक्ताओं को बिल नहीं भेजा जा सका। अब चार माह का बिल एक साथ भेजा जरूर जा रहा है और अगले महीने फिर बकाया चार महीने का बिल भेजा जाएगा, लेकिन इस पर कोई पैनल्टी नहीं ली जाएगी, क्योंकि यह विभाग की देरी से हुआ है। उपभोक्ताओं राहत देने के बारे में भी हम विचार कर रहे हैं।
-शुभांशु दीक्षित, अतिरिक्त मुख्य अभियंता।
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