फेक क्यूआर कोड से ठगी : पुलिस ने दी चेतावनी, व्यापारी अपना क्यूआर कोड सुरक्षित स्थान पर रखें
यह उनका नया तरीका है
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने एडवाइजरी जारी की है। साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं, और यह उनका नया तरीका है।
जयपुर। अगर आप दुकान पर सामान खरीदकर क्यूआर कोड से पेमेंट करते हैं, तो सावधान हो जाइए। राजस्थान पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक नए तरीके के खिलाफ चेतावनी जारी की है। अपराधी अब दुकानों और प्रतिष्ठानों पर असली क्यूआर कोड के ऊपर नकली क्यूआर कोड चिपका रहे हैं, जिससे आप जो पैसा दुकानदार को दे रहे हैं, वह सीधे धोखेबाजों के खाते में जा रहा है। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने एडवाइजरी जारी की है। साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं, और यह उनका नया तरीका है।
ऐसे हो रही है धोखाधड़ी
आजकल हम सब दुकानों पर पेटीएम, फोनपे, गूगल पे ऐप्स से क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट करते हैं। अपराधी इसी का फायदा उठा रहे हैं। वे बड़ी चालाकी से दुकानदारों के असली क्यूआर कोड जो उन्हें पेमेंट कम्पनियों से मिलते हैं, पर अपना बनाया हुआ नकली क्यूआर कोड चिपका देते हैं। दुकानदार को अक्सर तब पता चलता है जब उसे पेमेंट मिलने का मैसेज नहीं आता लेकिन तब तक ग्राहक जा चुका होता है और पैसा अपराधियों तक पहुंच चुका होता है।
ऐसे रहें सुरक्षित
- क्यूआर कोड सुरक्षित जगह पर रखें, अपने दुकान के क्यूआर कोड को ऐसी जगह लगाएं जहां कोई आसानी से उसे बदल न सके या उस पर कुछ चिपका न सके।
- रात में हटा लें, अगर हो सके, तो रात में दुकान बंद करते समय क्यूआर कोड को अंदर सुरक्षित रख लें।
- नियमित जांच करें, अपने क्यूआर कोड को ध्यान से देखें, चैक करें कि उस पर कोई और क्यूआर कोड तो नहीं चिपका हुआ है।
- भुगतान होते ही चेक करें, पेमेंट आने के बाद तुरंत अपने फोन पर या बैंक खाते में चेक करें कि पैसा आया है या नहीं।
यहां करें शिकायत
- अगर आप इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं या आपको कुछ भी संदिग्ध लगता है तो तुरंत पुलिस को बताएं।
- साइबर हेल्पलाइन नंबर- 1930
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ।
- अपने नजÞदीकी पुलिस स्टेशन।
- साइबर पुलिस स्टेशन।
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