निर्दोष लखमाराम चार साल रहा सलाखों के पीछे
हत्या के दुष्प्रेरण में गिरफ्तार किया था
सिरोल के बरलूट थाने में दर्ज हत्या के मुकदमे में गिरफ्तार किए गए लखमाराम को पुलिस की लचर जांच ने 4 साल जेल में रहने के लिए मजबूर कर दिया।
जयपुर। सिरोल के बरलूट थाने में दर्ज हत्या के मुकदमे में गिरफ्तार किए गए लखमाराम को पुलिस की लचर जांच ने 4 साल जेल में रहने के लिए मजबूर कर दिया। यह खुलासा एसओजी की जांच में सामने आया कि लखमाराम ने व्यक्ति की हत्या नहीं की थी। इस प्रकरण के जांच अधिकारी रहे बरलूट थाने के एसआई बाबूलाल ने बताया कि लखमाराम देवासी को हत्या के दुष्प्रेरण में गिरफ्तार किया था।
लखमाराम ने व्सक्ति की हत्या करने वाले आरोपियों का साथ दिया, उन्हें वारदात से पहले अपने घर में बुलाकर शराब पिलाई। वारदात करने के लिए रैकी की। वहीं गलत जांच करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
लखमाराम वारदात में नहीं था शामिल
एसओजी की जांच में लखमाराम पुत्र हमीराराम वारदात में शामिल नहीं था। इस पर उसे धारा 169 आईपीसी के तहत न्यायालय से रिहाई दिलाने के प्रयास किए गए। इस संबंध में पहले अर्जी खारिज कर दी गई, लेकिन उच्च न्यायालय जोधपुर ने सुनवाई के बाद अभियुक्तको जमानत पर रिहा करने के आदेश दे दिए।
एसओजी ने नहीं माना दोषी
विधायक संयम लोढ़ा के कहने पर इस प्रकरण की जांच महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) को सौंपी गई। न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे सुरमाराम निवासी सदर आबूरोड को 29 मार्च 2019 नानाराम पुत्र बिजलाराम निवासी सदर सिरोही को 3 अप्रैल 2019, गेमाराम पुत्र लखाराम निवासी कालीबोर भीमाना नाना सिरोही को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मुल्जिम चैनाराम को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा।
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