पहाड़ और नाले की जमीन से अतिक्रमण हटाएं तहसीलदार, आमजन को करना पड रहा परेशानी का सामना
तीन खसरा नंबर गैर मुमकिन पहाड़ और नाले की भूमि के रूप में दर्ज है
राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर के थानागाजी तहसीलदार को आदेश दिए हैं कि वह सालेटा गांव के पहाड़ और नाले की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करें
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर के थानागाजी तहसीलदार को आदेश दिए हैं कि वह सालेटा गांव के पहाड़ और नाले की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करें। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि तहसीलदार ने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ बेदखली और कब्जा हटाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन याचिका में अतिक्रमण करने वालों को पक्षकार नहीं बनाया गया है। इसके अलावा यह भी पता नहीं चलता कि तहसीलदार के अतिक्रमण हटाने के आदेश के खिलाफ किसी अतिक्रमी ने स्टे ले रखा है या नहीं। ऐसे में तहसीलदार को निर्देश जाते हैं कि यदि अतिक्रमण हटाने के खिलाफ यदि कोई स्टे है तो उसे छोडकर शेष अतिक्रमण को हटाया जाए।
जनहित याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि अलवर के थानागाजी स्थित सालेटा गांव के तीन खसरा नंबर गैर मुमकिन पहाड़ और नाले की भूमि के रूप में दर्ज है। इस भूमि पर नियमानुसार न तो कब्जा किया जा सकता है और ना ही इस पर अवैध कब्जे को नियमित किया जा सकता है। इसके बावजूद यहां कुछ लोगों ने पक्का निर्माण कर कब्जा कर रखा है। वहीं स्थानीय तहसीलदार ने साल 2020 और साल 2023 में इन अतिक्रमियों को बेदखल करने के लिए राजस्व अधिनियम की धारा 91 के तहत आदेश जारी किए थे। इसके बाद प्रशासन ने आज तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने यहां से अतिक्रमण हटाने को कहा है।
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