प्रमोटर्स और डवलपर्स को रेरा ने दी राहत : प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के लिए स्ट्रक्चरल ड्राइंग्स की अनिवार्यता समाप्त
रेरा की अटैच संपत्तियों का ई-ऑक्शन करेगा एमएसटीसी
डवलपर्स का तर्क है कि निर्माण प्रक्रिया के दौरान स्ट्रक्चरल ड्राइंग्स में कई बदलाव होते हैं, जिससे इनकी तैयारी में अतिरिक्त समय लगता है।
जयपुर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने प्रमोटर्स और डवलपर्स को राहत दी है। अब रेरा में पंजीकरण के आवेदन के साथ प्रोजेक्ट की स्ट्रक्चरल ड्रॉइंग्स सबमिट करना अनिवार्य नहीं होगा। यह निर्णय रेरा की हाल ही में हुई बैठक में लिया गया। इस फैसले के अनुसार प्रमोटर्स को प्रोजेक्ट की स्ट्रक्चरल ड्राइंग्स प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले और पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने से पहले सबमिट करनी होगी। पंजीकरण के समय प्रमोटर को एक शपथ पत्र रेरा में जमा करना होगा, जिसमें वे यह वचन देंगे कि निर्धारित समय पर ड्राइंग्स जमा की करा दी जाएगी। रेरा ने ये निर्णय प्रमोटर्स और डवलपर्स की मांग पर लिया है, जिसमें डवलपर्स ने पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने का आग्रह किया था।
डवलपर्स का तर्क है कि निर्माण प्रक्रिया के दौरान स्ट्रक्चरल ड्राइंग्स में कई बदलाव होते हैं, जिससे इनकी तैयारी में अतिरिक्त समय लगता है। लगभग तीन से चार महीने का समय इन ड्राइंग्स को अंतिम रूप देने में लग जाता है, जिससे प्रोजेक्ट का पंजीकरण प्रक्रिया में देरी होती है। रेरा ने प्रमोटर्स और डवलपर्स की इन व्यावहारिक समस्याओं को समझते हुए पंजीकरण के लिए स्ट्रक्चरल ड्राइंग्स की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। यह कदम न केवल पंजीकरण प्रक्रिया को तेज करेगा, बल्कि प्रोजेक्ट के समय पर शुरू होने की संभावना भी बढ़ाएगा।
रेरा की अटैच संपत्तियों का ई-ऑक्शन करेगा एमएसटीसी
रेरा की ओर से अटैच संपत्तियों की ई-ऑक्शन करने का जिम्मा अब केन्द्र सरकार के उपक्रम एमएसटीसी को सौंपा जाएगा। इसके लिए रेरा और एमएसटीसी के बीच जल्द ही एक समझौता होगा। हाल ही रेरा की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रमोटरों पर जुर्माना वसूलने, ब्याज और आवंटियों की जमा राशि लौटाने के लिए प्रमोटरों की संपत्तियों को रेरा की ओर से अटैच किया जाता है। अब इन संपत्तियों की नीलामी से प्राप्त राशि के माध्यम से रेरा के आदेशों की पालना सुनिश्चित की जाएगी।

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