जयपुर राजपरिवार : तीन पीढ़ियां, तीन पार्टी

2013 में जयपुर में मोदी की सभा में ही दीया कुमारी ने बीजेपी का थामा था दामन

जयपुर राजपरिवार : तीन पीढ़ियां, तीन पार्टी

गायत्री देवी ने जीत का बनाया था रिकॉर्ड, भवानी सिंह चुनाव हार गए थे।

ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। जयपुर के राजपरिवार की तीन पीढ़ियों ने तीन पार्टियों का दामन थामा। गायत्री देवी ने स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ा तो भवानीसिंह कॉंग्रेस से और अब दीया कुमारी भाजपा से राजरण में उतरी हैं। सवाईमाधोपुर विधानसभा सीट से विधायक और राजसमंद लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीतने वाली दीया कुमारी को फिर से भाजपा ने पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद का टिकट काटकर जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं इस तरह भी हो रही है कि कहीं महारानी का विकल्प महारानी तो नहीं?

यहां से शुरुआत
दरअसल, राजपरिवार की गायत्री देवी ने जीत का रिकॉर्ड कायम किया था, जिसे अभी तक अगली पीढ़ी नहीं तोड़ पाई है। गायत्री देवी के बाद भवानी सिंह ने भी लोकतंत्र में अपना बनाने के लिए आगे बढ़े, लेकिन एक ताकतवार कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी होने के बावजूद 1989 के चुनाव में हार गए, जबकि उस दौरान कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व काफी उफान पर था। भवानी सिंह के सामने सामान्य परिवार से आने वाले गिरधारी लाल भार्गव ने चुनाव लड़ा था, जो चुनाव जीते।

2013 में सवाई माधोपुर से जीतीं दीया कुमारी
2013 में दीया कुमारी ने सवाईमाधोपुर से कद्दावर नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को हराया। विधायक रूप में सवाई माधोपुर क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा जुझती रही और विकास के कामों में जुटी रही। लेकिन बीजेपी ने 2018 में सवाईमाधोपुर से टिकट नहीं दिया और 2019 में राजसमंद से लोकसभा का टिकट दिया। बिल्कुल नया क्षेत्र था, लेकिन ऐतिहासिक वोटों से जीत दर्ज की।

पूर्व उपराष्ट्रपति के दामाद राजवी का टिकट काटा
बीजेपी की पहली लिस्ट में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी का टिकट काटकर विद्याधरनगर से दीया कुमारी को टिकट दिया है। वे अभी राजसमंद से सांसद हैं। चर्चा थी कि राजवी के स्थान पर उनके बेटे को टिकट मिलेगा। राजवी इस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे है, लेकिन इस बार उनका टिकट काटा गया है।

मोदी की सभा में थामा कमल
इसके बाद तीसरी पीढ़ी के तौर पर गायत्री देवी की पौत्री और भवानी सिंह की पुत्री दीया कुमारी इन सब अनुभवों को आत्मसात कर अपनी दादी गायत्री देवी के पद चिन्हों पर चलते हुए सामाजिक कार्यों में शरीक होने लगी। दस सितम्बर 2013 को जयपुर में एक रैली के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वसुंधरा राजे की उपस्थिति में औपचारिक रूप से भाजपा का दामन थाम लिया।

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