विकास प्राधिकरणों और यूआईटी में एक समान होंगे सेवा नियम : विधानसभा में कानून पारित, खर्रा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार कानून में संशोधन लाया गया
विधि निदेशक पद पर विधि सेवा के अधिकारी की नियुक्ति हो सकेगी
प्रदेश के विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास में अब कार्मिकों के लिए एक समान सेवा नियम होंगे
जयपुर। प्रदेश के विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास में अब कार्मिकों के लिए एक समान सेवा नियम होंगे। ऐसे में कार्मिकों को अलग-अलग नियमों के तहत प्राधिकरण और यूआईटी में पदस्थापित हुए स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए राज्य विधानसभा में सोमवार को राजस्थान विधियां संशोधन नियम 2025 पारित किया गया।
नगरी विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विधानसभा में पारित विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार कानून में यह संशोधन लाया गया है। इस संशोधन के बाद सभी प्राधिकरणों और नगर सुधार न्यास में एक समान सेवा नियम होंगे तथा इनमें विधि निदेशक पद पर विधि सेवा के अधिकारी की नियुक्ति हो सकेगी। पहले इस पद पर न्यायिक सेवा से अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने प्राधिकरणों की कार्यशैली को लेकर सवार उठाते हुए कहा कि विधि सेवा के अधिकारी की निदेशक के पद पर नियुक्ति से कई मामलों में भविष्य में गड़बड़ी के आसार होंगे। ऐसे में ज्यूडिशरी सर्विस के अधिकारी को ही इस पद के लिए रखा जाए। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कोटा विकास प्राधिकरण में बूंदी को भी शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि बूंदी की अधिकतर जमीन कोटा विकास प्राधिकरण में शामिल कर ली गई है, लेकिन बूंदी को इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है, ऐसे में कोटा विकास प्राधिकरण का नाम कोटा बूंदी विकास प्राधिकरण किया जाए।
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