रेस्क्यू सेंटर में सात बघेरे, तीन जरख और एक भालू का हो रहा उपचार
समय-समय पर दी जा रही है दवाइयां
साल 2016-17 में सरिस्का से एक मादा, 13 वर्षीय नर बघेरा और 2018 में जयपुर स्थित नाहरसिंह बाबा मंदिर से पांच साल के बघेरे, सितम्बर 2022 में करौली से एक शावक और 10 नवम्बर को जामडोली से एक घायल बघेरे को रेस्क्यू सेंटर लाया गया था।
नवज्योति, जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित रेस्क्यू सेंटर में अचरोल, प्रतापगढ़, सरिस्का, जामडोली, करौली और सवाईमाधोपुर से रेस्क्यू कर लाए सात बघेरे, तीन जरख और एक भालू का उपचार किया जा रहा है। इससे पहले यहां अधिक उम्र (18 साल) के बघेरे को प्रतापगढ़ से रेस्क्यू कर लाया गया था। 25 मई 2021 को अचरोल रेंज से 10 दिन के शावक को भी रेस्क्यू कर लाया गया, लेकिन पिछले कुछ महीनों पहले सांप के काटने से इसकी मौत हो गई थी। वहीं 9 जनवरी 2022 को अचरोल से चार वर्षीय बीमार बघेरे को रेस्क्यू कर यहां लाया गया। यहां स्टाफ ने इसका नाम माधव रखा है। साल 2016-17 में सरिस्का से एक मादा, 13 वर्षीय नर बघेरा और 2018 में जयपुर स्थित नाहरसिंह बाबा मंदिर से पांच साल के बघेरे, सितम्बर 2022 में करौली से एक शावक और 10 नवम्बर को जामडोली से एक घायल बघेरे को रेस्क्यू सेंटर लाया गया था।
समय-समय पर दी जा रही है दवाइयां
नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर में बघेरों के अलावा तीन जरख का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा इनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही समय-समय पर आवश्यक दवाइयां दी जा रही है। वहीं सवाई माधोपुर से रेस्क्यू कर यहां लाए एक घायल भालू का भी उपचार किया जा रहा है। इसके पैरों में गंभीर चोट लगी थी। वहीं बेहतर उपचार के बाद इसके जल्द स्वस्थ होने की संभावना जताई जा रही है।
रेस्क्यू सेंटर में प्रदेश के विभिन्न जिलों से रेस्क्यू कर लाए बीमार सात बघेरों का इलाज हो रहा है। इसके अतिरिक्त यहां तीन जरख और एक नर भालू भी उपचाराधीन है।
-डॉ. अरविंद माथुर, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क

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